जांजगीर-चाम्पा(खटपट न्यूज़)। कोरबा-बलौदा मार्ग पर पंतोरा में हुए संदिग्ध लूट और हत्या की गुत्थी जांजगीर पुलिस ने सुलझा ली है, मृतका दीप्ती सोनी का पति देवेंद्र सोनी ही हत्यारा निकला है ,जिसने चरित्र शंका के चलते अपने दो सहयोगियों के साथ मिल कर दीप्ति की हत्या की व पुलिस से बचने के लिए लूट की झूठी कहानी गढ़ कर खुद ही पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी। पुलिस ने पति देवेंद्र समेत तीनो आरोपियो को हिरासत में लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर के सरकण्डा बंगालीपारा में रहने वाले देवेंद्र सोनी ने 15 जून को पंतोरा चौकी में सूचना दर्ज करवाई कि वह अपनी पत्नी को ले कर बिलासपुर से बालको स्टेट बैंक के खाता ट्रांसफर का कार्य करवाने हेतु गया हुआ था। वापसी में रात लगभग 10.30 को खिसोरा- पंतोरा के जंगल मार्ग से गुजरते अचानक शौच लगने से गाड़ी रोकी और शौच के बाद वापस आया तो देखा कि दो व्यक्ति कार में चढ़े हुए थे और पीछे बैठा व्यक्ति उसकी पत्नी का गला दबा रहा था। कार के पास पहुँचने पर दो अन्य व्यक्तियों ने बंदूक की नोक पर उसे घुटनो के बल बिठा दिया और हाथ रस्सी से बांध कर कार को क्षतिग्रस्त कर लेपटॉप, 45 हजार रुपये व दो मोबाईल लूट कर ले गए।
घटना की सूचना पर पुलिस ने धारा 302, 397 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया।घटनास्थल के पास ही फारेस्ट बैरियर था जहां दो वनरक्षक तैनात थे,जिनसे पुलिस द्वारा पूछताछ में पता लगा कि वहां से उक्त बताये गए हुलिए के 4 व्यक्तियों को जाते हुए उन्होंने नही देखा है, जिस पर शक के आधार पर पुलिस ने देवेंद्र सोनी को पूछताछ के लिए बुलवाया पर बिलासपुर से आने में देवेंद्र आनाकानी कर रहा था। जांजगीर पुलिस बिलासपुर पहुँच कर उसे लेकर आयी जिस पर वह अपनी गाड़ी से पहुँचा।
पुलिस के द्वारा पूछताछ करने पर देवेंद्र पहले तो आवेदन मे लिखा रटा रटाया जवाब ही दे रहा था, जिस पर मनोवैज्ञानिक ढंग से पूछताछ करने पर आरोपी लगातार अलग-अलग बयान देने लगा। शक के आधार पर सख़्ती से पूछताछ में वह टूट गया और हत्या की बात कबूल कर ली।
आरोपी देवेंद्र सोनी के अनुसार उसकी पत्नी का दूसरे पुरुष से अवैध सम्बन्ध था जिसको बार बार समझाने पर भी वो नही मान रही थी। आक्रोशित हो कर उसने पत्नी की हत्या की साजिश रची। इस काम को अपने यहां काम करने वाले प्रदीप सोनी और उसकी पत्नी शालू सोनी को भी शामिल कर लिया।
0 तीन दिन पहले ही रूट देख कर जगह चुनी हत्या की
हत्या की जगह प्रदीप सोनी और उसकी पत्नी शालू ने चुनी थी, वो लोग देवेंद्र को ले कर घटना के तीन पहले ही जगह देखने के लिए गए हुए थे और बलौदा-पंतोरा मार्ग में फारेस्ट बैरियर के पास हत्या करने के लिए उन्हें उचित जगह लगी और तीनों ने मिल कर एक साथ एक राय हो कर हत्या करने की साजिश रची थी।
तय प्लानिंग के अनुसार बैंक कार्य का बहाना कर के देवेंद्र ने अपनी पत्नी को 14 जून को बिलासपुर से बलौदा होते हुए कोरबा ले कर के गया और वहां से काम निपटने पर वापसी के दौरान तयशुदा जगह में गाड़ी शौच के बहाने रोक दी,जहा पहले से प्रदीप और उसकी पत्नी दीप्ति मौजूद थे और वे लोग गला घोंटने के लिए साथ मे हरे रंग की नायलोन रस्सी लाये हुए थे।आरोपी देवेंद्र व शालू ने दीप्ति के हाथ पांव पकड़ लिए और प्रदीप ने रस्सी से गला घोंट कर हत्या कर दी।
0 सिम्स में भर्ती हो गया था प्रदीप, मुंगेली से हुई गिरफ्तारी
देवेंद्र ने अपनी पत्नी की हत्या के बाद प्रदीप और उसकी पत्नी शालू को बाइक से बिलासपुर भेज दिया और खुद पंतोरा चौकी पहुँच कर लूट और हत्या की झूठी कहानी सुना कर एफआईआर करवा दी। आरोपी प्रदीप को मिर्गी का दौरा पड़ता है, बिलासपुर आने के बाद प्रदीप सिम्स में भर्ती हो गया था पर पुलिस की सक्रियता पता चलने पर मुंगेली में जा कर छिप गया था, जिसे पुलिस ने मुंगेली से गिरफ्तार किया है।
0 हत्या के बाद फरारी में प्रयुक्त बाइक की जब्ती
हत्या करने के बाद इसे लूट की वारदात में तब्दील करने के लिए आरोपियों ने कार को तोड़फोड़ कर के लेपटॉप, दो मोबाईल व 45 हजार रुपये लूटने की कहानी रची थी,और मृतका के मोबाईल और लैपटॉप छुपा दिए थे।मृतका की लूटी हुई दोनों मोबाईल आरोपिया शालू सोनी से,पति देवेंद्र सोनी से लेपटॉप व जिस बाइक से प्रदीप व शालू घटना स्थल से फरार हुए थे उस बाइक को भी आरोपी प्रदीप से बरामद कर साक्ष्य सूची में रखा है। 45 हजार रुपये की जब्ती नही हो पाई क्योकि एसा लगता है कि लूट की झूठी कहानी को सच्ची बनाने के लिए पैसे लूटने की कहानी पुलिस को सुना दी गयी हो जबकि लूट की घटना हुई ही नही थी।
0 लूट की धारा की जगह जुड़ी साक्ष्य छुपाने की धारा
मृतका के पति की तहरीर पर पहले हत्या की धारा 302 व लूट की धारा 397 पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया था पर पूरे मामले के खुलासा होने के बाद यह स्प्ष्ट हो गया कि लूट की कहानी फर्जी थी और आरोपियों ने हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से लूट की फर्जी कहानी गढ़ी और कार में तोड़फोड़ कर मृतिका के मोबाइल और लैपटॉप को छुपा दिया था जिसकी बरामदगी होने के बाद पुलिस ने हत्या की धारा 302 व साक्ष्य छुपाने की धारा 201 के तहत एफआईआर कर आरोपियों को अभिरक्षा में लिया है।
प्रकरण को सुलझाने में जांजगीर पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर के निर्देशन व मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, चाम्पा एसडीओपी श्रीमती पद्मश्री तंवर, निरीक्षक मनीष सिंग परिहार, निरीक्षक व्हीएन भारद्वाज उपनिरीक्षक अवनीश श्रीवास चौकी प्रभारी पंतोरा आदि की भूमिका सराहनीय रही।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)