0 लगातार आरोपों और जांच के बाद मेहरबान रहे विभागीय अधिकारी
रायपुर (खटपट न्यूज)। छत्तीसगढ़ के रायपुर में पदस्थ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पीएचई के कार्यपालन अभियंता सुरेन्द्र कुमार चंद्रा पर ईडी ने बड़ी कार्यवाही की है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चंद्रा पर यह कार्यवाही हुई है और ईडी ने उसकी लगभग 1 करोड़ 72 लाख की संपत्तियों को अटैच कर लिया है। इस कार्यवाही की जानकारी डायरेक्टर जनरल ऑफ इकानॉमिक्स इन फोर्समेन के अधिकृत ट्विटर हैंडल पर दी गई है। पीएमएलए के भ्रष्टाचार प्रकरण में की गई इस बड़ी कार्यवाही से विभागीय महकमे सहित प्रदेश भर में हड़कंप मच गई है।
बता दें कि पीएचई के ईई सुरेन्द्र कुमार चंद्रा कोरबा जिले में भी पदस्थ रहे हैं और पूरे कार्यकाल में अपने कामकाज को लेकर काफी सुर्खियों में रहे। अकूत बेनामी संपत्ति होने की सुगबुगाहट उनके कार्यकाल के दौरान खूब रही। कोरबा में पदस्थापना के दौरान ही एंटी करप्शन ब्यूरो ने शिकायत पर बड़ी कार्यवाही करते हुए ईई चंद्रा के जांजगीर-चांपा जिला स्थित गृह निवास में छापा मार कार्यवाही की थी। इनकी अकूत बेनामी संपत्ति को लेकर एसीबी ने चालान भी पेश कर दिया। जानकार बताते हैं कि गंभीर मामले में जांच और चालान पेश होने के बाद ईई जैसे पद पर पदस्थ रहकर अटैचमेंट में इन्हें कार्य पर लिया जाना था किंतु बड़े अधिकारियों की मेहरबानी के कारण ईई पर पर बने ही रहे। सुरेन्द्र चंद्रा इससे पहले जगदलपुर में पदस्थ रहते सस्पेंड हुए। कोरबा से हटाए जाने के बाद रायपुर अटैच किया गया और फिर चाम्पा में ईई का दायित्व संभाल रहे थे। सूत्र बताते हैं कि ईई चंद्रा ने अपनी अकूत संपत्ति को लेकर सरकार के समक्ष घोषणा पत्र स्वयं ही पेश किया था जबकि उपरोक्त संपत्तियों के संबंध में कोई दस्तावेजी हिसाब-किताब नहीं मिला। इस कारण से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इन पर शिकंजा ईडी ने कसा है। अब देखना है कि मेहरबानी से अपने पद का दुरूपयोग कर अकूत संपत्ति हासिल कर रहे ईई चंद्रा पर एसीबी, ईडी की बड़ी जांच और कार्यवाही के बाद सरकार क्या रुख अख्तियार करती है?