कोरबा (खटपट न्यूज)। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत शासकीय हाईस्कूल तानाखार में पदस्थ दिव्यांग सहायक शिक्षक सधवा कुमार बंजारे की कोरोना से मौत का मामला गरमाने पर अब एसडीएम ने उसकी ड्यूटी लगाने वाले जिम्मेदार लोगों की जांच के लिए टीम गठित कर दी है।
बता दें कि शासकीय हाईस्कूल तानाखार के 60 प्रतिशत दिव्यांग सहायक शिक्षक सधवा कुमार बंजारे के बारे में जानते हुए भी पोड़ी-उपरोड़ा के एसडीएम द्वारा जारी एक आदेश के परिपालन में हाईस्कूल तानाखार के प्राचार्य द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन से ड्यूटी लगा दी गई। कोरोना सर्वे में पंचायत दल क्रमांक-1 में इनकी ड्यूटी लगी थी और वार्ड क्रमांक 1 से 7 तक संबंधित सर्वे करना था। सर्वे के दौरान दिव्यांग शिक्षक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए और 19 मई को निधन हो गया। ड्यूटी तब भी लगाई गई जब सधवा कुमार ने अपनी शारीरिक नि:शक्तता का हवाला देकर उसकी जगह पर किसी अन्य की ड्यूटी लगाने का आग्रह किया था। 8 मई को शासकीय हाईस्कूल के प्राचार्य एवं संकुल समन्वयक कृष्णलाल लसहे के संयुक्त हस्ताक्षर से बीईओ के अनुमोदन पर यह ड्यूटी लगाई गई थी।
इस मामले में पोड़ी उपरोड़ा एसडीएम संजय मरकाम के द्वारा जांच का आदेश जारी कर दिया गया है। जांच हेतु तहसीलदार सोनित मेरिया, पोड़ी जनपद सीईओ वीके राठौर, खंड शिक्षा अधिकारी एलएस जोगी एवं शासकीय उच्चतर माध्यमकि विद्यालय पोड़ी-उपरोड़ा के प्राचार्य बीएल भारद्वाज का दल गठित कर स्पष्ट अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन 7 दिवस के भीतर समक्ष प्रस्तुत करने कहा गया है।
0 जांच दल में बीईओ पर आपत्ति
जांच दल में पोड़ी-उपरोड़ा बीईओ एलएस जोगी को भी शामिल करने पर राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एसएन शिव ने आपत्ति जताकर प्रशासन से मांग की है कि बीईओ को जांच टीम से पृथक किया जाए तथा संकुल समन्वयक को तत्काल प्रभाव ने निलंबित किया जाए क्योंकि प्रथम दृष्टया वहीं दोषी हंै।
0 आश्रितों को शीघ्र अनुकम्पा नियुक्ति दें सरकार
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नित्यानंद यादव, कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार शुक्ल, सचिव विपिन यादव, भूपेन्द्र राठौर, मुकुंद केशव उपाध्याय ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए दिव्यांग कर्मचारी की ड्यूटी लगाने के विरूद्ध निष्पक्ष जांच व उचित कार्यवाही की मांग की। साथ ही कोविड-19 की ड्यूटी करते हुए कोरोना संक्रमित होकर मृत्यु को प्राप्त शिक्षकों व कर्मचारियों के आश्रितों को अतिशीघ्र अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की भी मांग की गई है।