कोरबा (खटपट न्यूज)। कोरोना संक्रमण शहर से बढ़कर गांवों की ओर कुछ ज्यादा ही तेज हुआ तो प्रशासन ने ज्यादा सतर्कता बरती। गांवों में शादी-ब्याह, भोज आदि के अवसर पर निर्धारित संख्या की अनुमति से ज्यादा संख्या में भीड़ को एक बड़ी वजह संक्रमण बढ़ने के लिए माना गया और 3 मई से 17 मई तक की विवाह अनुमति निरस्त कर दी गई है लेकिन इससे पहले हुई शादी में अधिकारी के नाम से वसूली करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार 2 मई को पूर्व प्राप्त अनुमति के आधार पर संपन्न हुए विवाह को ठीक-ठाक निपटाने की सलाह देते हुए साहब लोगों को खर्चा-पानी देने संबंधी एक ऑडियो सामने आया है। आयोजक वधु परिवार के मुखिया से कोरबा अनुविभाग अंतर्गत आने वाले नोनदरहा के हल्का 35 के पटवारी जितेन्द्र सिंह के द्वारा साहब और अपने लिए खर्च देने की बात साफ-साफ कही जा रही है। इसके लिए कोटवार के जरिए सूचना दिए जाने का भी जिक्र है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि 10 से ज्यादा की संख्या में आदमी हुए तो साहब के आने से पहले व्यवस्था कर देना। परिवार का मुखिया यह भी गुजारिश कर रहा है कि साहब के निकलने से पहले एक बार सूचना दे देना। हम ऑडियो में पटवारी के आवाज की पुष्टि नहीं करते लेकिन बातचीत के अंत में उसने स्वयं अपना परिचय दे दिया है जो संशय को खत्म करने के लिए काफी है।
मुखिया ने अपनी बेटी को विवाह कर विदा तो कर दिया लेकिन जिस तरह से अधिकारियों का हवाला देकर पटवारी के द्वारा खर्चा-पानी की मांग इसलिए की गई ताकि कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इससे यह सवाल उठना तो लाजिमी है कि पटवारी के हल्का क्षेत्र में हुई और भी शादियों व आयोजनों में क्या इसी तरह से चढ़ावा लेकर उसके द्वारा भीड़ को बढ़ने दिया गया जो कोरोना संक्रमण के बढ़ने की वजह है? यह गहन जांच का विषय है। देखना है कि इस तरह के मामले में जिला प्रशासन क्या रुख अपनाता है।