कोरबा-बालकोनगर(खटपट न्यूज़)। अक्सर सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो और तस्वीरें सामने आती हैं जब लोग किसी न किसी तरह के पीड़ित को राहत पहुंचाने की बजाय तमाशबीन होकर उसका वीडियो बनाते दिखते हैं। अनेक मौकों पर इंसानियत तमाशबीन होकर तार-तार होती है पर ऐसे तमाशबीनों में से ही अलग कुछ लोगों के कारण इंसानियत आज भी जिंदा नजर आती है। ऐसी ही मानवता का परिचय ग्राम बेला के युवक दिलीप भगत ने देकर मासूम बच्चों के सिर से माँ का छिनता आँचल थाम लिया। बालको टीआई ने दिलीप के जज्बे को सराहा और सम्मान प्रदान किया है।
दरअसल बुधवार 14 अप्रैल को एक महिला घरेलू विवाद के कारण फांसी लगाकर जान देने घर से निकल पड़ी। अपने साथ मासूम बच्चों को भी ले आई और उन्हें रास्ते के किनारे छोड़कर थोड़ी दूर पेड़ पर फंदा बनाकर खुदकुशी के प्रयास में लगी थी। संयोगवश इसी दौरान ग्राम बेला का रहने वाला दिलीप भगत अपने बाइक में सवार हो कर चावल लेकर बालको आ रहा था कि दोन्द्रों मार्ग में सड़क किनारे बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी। सुनसान में बच्चों के क्रंदन ने दिलीप को रोक लिया और रुक कर देखा तो उसके होश उड़ गए। पास में ही पेड़ पर एक महिला फांसी लगाकर जान देने का प्रयास करती दिखी। दिलीप कोई परवाह किये बगैर दौड़कर महिला के पास पहुंचा और फंदे में लटकने से पहले ही पकड़ लिया। दिलीप ने महिला को फटकार भी लगाया और बच्चों का हवाला दिया। बिलखते बच्चों को माँ ने अपने सीने से लगाया और अपनी इस गलती पर फूट-फूट कर रो पड़ी।
इसके बाद दिलीप भगत अपने घर चला गया। इधर जब इस नेक कार्य के बारे में बालको थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश मिश्रा को पता चला तो उन्होंने गुरुवार को प्रधान आरक्षक कुलदीप तिवारी के साथ ग्राम बेला पहुंचकर दिलीप भगत की पीठ थपथपा कर सराहा कि उसकी तत्परता से एक महिला की जान बचा ली गई। टीआई ने दिलीप को मास्क व सेनेटाइजर भेंट कर सम्मानित किया। पुलिस से सम्मान मिलने पर दिलीप भी भावुक हो उठा।