बिलासपुर (खटपट न्यूज)। पत्रकार प्रदीप आर्य के इलाज में आरबी हॉस्पिटल द्वारा बरती गई लापरवाही को लेकर बिलासपुर प्रेस क्लब ने गहरा रोष जाहिर किया है। आज सदस्यों ने कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर से मिलकर इसकी शिकायत की। कलेक्टर ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
पत्रकार व कार्टूनिस्ट प्रदीप आर्य का बीते सोमवार को आरबी कोविड हॉस्पिटल में निधन हो गया था। परिजन उन्हें ऑक्सीजन लेवल गिरने पर सिम्स चिकित्सालय लेकर गये थे। वहां बेड पर उनके लिये लगाये गये सिलेन्डर का ऑक्सीजन खत्म हो गया। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड का पता करने पर जगह नहीं मिली। आखिरकार उन्हें एक ऑक्सीजन सिलेंडर बेड आरबी हॉस्पिटल में खाली होने का पता चला। ऑक्सीजन की सुविधा वाले एक एम्बुलेंस से परिजन उन्हें आरबी हॉस्पिटल स्वर्ण जयंती नगर लेकर आये। यहां आते ही उन्हें एम्बुलेंस से उतारकर व्हील चेयर पर बिठाया गया और ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया। पर आईसीयू में पहुंचाने के 15-20 मिनट के भीतर ही प्रदीप आर्य की सांसें उखड़ गईं। पत्रकार प्रदीप आर्य की पुत्री प्रिया सिंह ने बताया कि वह यह जानकर सन्न रह गई कि जो ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल के स्टाफ ने लगाया वह खाली था। इसके चलते वे ऑक्सीजन लगाने के बावजूद हांफ रहे थे और थोड़ी देर में चल बसे। अस्पताल प्रबंधन ने गुमराह करते हुए ऐसा सिलेंडर लगा दिया जिसमें ऑक्सीजन ही नहीं था। शायद स्टाफ को लगा कि उनकी इस धोखाधड़ी का पता नहीं चलेगा और कुछ घंटे बाद मरीज के लिये नया सिलेंडर ला दिया जायेगा। पर, उन्होंने जानबूझकर पत्रकार को मौत के मुंह में जाने दिया।
इस घटना की जानकारी मिलने पर पत्रकारों में गहरा रोष है। बिलासपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने आज कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर को पूरे मामले की जानकारी दी और अस्पताल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही यह जांच कराने की मांग की कि किन परिस्थितियों में सिम्स में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था पत्रकार के इलाज के लिये नहीं हो सकी।
डॉ. मित्तर ने इस मामले की जांच कराने का आदेश देने का आदेश दिया है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया है कि यह जांच कौन सी टीम करेगी और कब तक इसकी रिपोर्ट मिलेगी।