कोरबा(खटपट न्यूज़)- KJSL कोल एंड पावर प्राईवेट लिमिटेड की पर्यावरणीय जनसुनवाई ग्राम धतूरा में आयोजित की गई। इस जनसुनवाई में ग्रामीणों और ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन ने कोल वाशरी व पावर प्लांट से हो रहे प्रदूषण का मामला उठाया। ग्रामीणों और संगठन ने प्लांट विस्तार निर्माण पर आपत्ति भी जताई है। इस जनसुनवाई में आपत्ति और सुझाव के बाद अनुमति के लिए राज्य व केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
पाली विकासखंड के अंतर्गत ग्राम धतूरा में मंगलवार को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने पर्यावरणीय जनसुनवाई का आयोजन किया । जनसुनवाई में ग्रामीणों और ऊर्जाधानी संगठन ने KJSL कोल एंड पावर प्राईवेट लिमिटेड को संयत्र विस्तार की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग रखी।
ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि मेसर्स KJSL कोल एंड पावर प्राईवेट लिमिटेड ग्राम धतुरा, तहसील पाली जिला कोरबा का 1.2 मिलियन टन से 5.9 मिलियन टन के क्षमता विस्तार का पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई का कंपनी द्वारा पूर्व में पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को जनसुनवाई पैनल पर रखते हुए जोरदार विरोध किया गया। KJSL कंपनी पूर्व में दिये गये पर्यावरणीय स्वीकृति का अनुपालन करने में नाकाम रही है तो किस आधार पर इनके विस्तार क्षमता को बढ़ाने के लिए मंजूरी दिया जाए ? ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन ने इस जनसुनवाई का पुरजोर विरोध करते हुए, विस्तार क्षमता के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की।ग्रामीणों कहना था कि कोल वाशरी प्लांट से डस्ट उड़ रही है, इससे वातावरण प्रदूषित हो चुका है लिहाजा नए प्लांट व विस्तार की अनुमति नहीं दिया जाना चाहिए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सरकार ने कोरबा जिले में व्याप्त प्रदूषण को देखते हुए 4 सालों तक नए प्लांट व खदान खोले जाने पर रोक लगा दी है इसके बावजूद कोल वाशरी प्लांट का विस्तार किया जा रहा है, यह काफी आपत्तिजनक है। सरकार और उद्योगपति मिलकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।