छत्तीसगढ़ में मरवाही उपचुनाव से पहले ही राजनीति गरमा गई है। जाति के विवाद में ऋचा जोगी ने किसी भी तरह के नोटिस मिलने की बात से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब नोटिस मिलेगा तो वह जरूर सुनवाई में जाएंगी। मुंगेली की जिला स्तरीय जांच समिति ने उन्हें नोटिस जारी किया है। इसमें जवाब देने का गुरुवार को अंतिम दिन है।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रमुख अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की जाति को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसके बीच ऋचा जोगी ने गुरुवार को कहा कि नवजात बेटे के कारण वे अभी होम आइसोलेशन में हैं। नोटिस मिलने के बाद सुनवाई में उपस्थित होंगी। साथ ही आरोप लगाया कि उन्हें अंधेरे में रखकर कार्रवाई की जा रही है।
एक दिन पहले ही कांग्रेस ने राज्यपाल से प्रमाणपत्र जांच की मांग की थी
इससे एक दिन पहले ही बुधवार को कांग्रेस के 6 विधायकों शिशुपाल शोरी, यूडी मिंज, मोहित केरकेट्टा, इंदरशाह मंडावी, कुंवर सिंह निषाद, गुलाब कमरो ने राज्यपाल से मुलाकात की। विधायकों ने राज्यपाल को बताया कि मरवाही सीट आदिवासी के लिए आरक्षित है, लेकिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र से अजीत जोगी वहां का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
कांग्रेस का आरोप- लोगों को गुमराह कर रहीं ऋचा जोगी
विधायकों ने कहा कि हाईपावर कमेटी ने अगस्त 2019 को जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था। ऐसे में जोगी परिवार के किसी सदस्य को आदिवासी नहीं माना जा सकता। जोगी की मृत्यु के बाद बिलासपुर हाईकोर्ट से भी मामला रद्द हो चुका है। अब ऋचा रूपाली साधु पिता प्रवीण राज साधु क्रिश्चियन समुदाय की होने के बाद भी अपने आप को आदिवासी बताकर जनता को गुमराह कर रही हैं।