

कोरबा (खटपट न्यूज)।वर्तमान में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन पुन: प्रारंभ कर सुपोषण एवं इससे जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी जारी शासन के आदेश का चौतरफा विरोध होने लगा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के लिए कार्यरत संगठन के अलावा जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों ने भी केन्द्रों को नहीं खोलने एवं बच्चों को भी केन्द्र में नहीं बुलाने की मांग की है।
इस कड़ी में छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रांताध्यक्ष श्रीमती पद्मावती साहू ने एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग, नया रायपुर के सचिव को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि अभी कोविड -19 महामारी बुरी तरीके से फैल रही है और लगातार लोग संक्रमित हो रहे हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती को घर से निकलना नहीं है। आदेशित है किआंगनबाड़ी खोलकर बच्चों को गर्म भोजन देना है। बहुत से आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन किराये के भवन में होता है जिसमें जगह का अभाव होता है, वहां सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पाता है साथ ही सुविधाओं का अभाव रहता है। इन सबके बीच यदि केन्द्र संचालन हुआ तो बच्चे व गर्भवती महिला को संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। यदि ऐसी स्थिति में कोई भी आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से हितग्राही संक्रमित पाया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी किसी भी कार्यकर्ता-सहायिका की नहीं होगी। राज्य सरकार के आदेश को पालन करते हुए संगठन चाहती है कि जिस तरह अब तक टीएचआर के रूप में रेडी-टू ईट का वितरण किया जा रहा है, उसी तरह गर्म भोजन के बजाय सूखा राशन का वितरण कराया जाये। श्रीमती साहू ने कहा है कि कोविड-19 में कार्यकर्ता सहायिकाओं की ड्यूटी लगी है और अपने कर्तव्यों का निर्वहन सुचारू रूप से कर रहे हैं। कोविड-19 ड्यूटी में लगी इन कर्मियों का 50 लाख का बीमा भी अनुशंसित किया जाए।
0 केन्द्र खोलना जोखिम भरा अनुचित निर्णय : नमो विचार मंच

नमो विचार मंच के जिलाध्यक्ष अजय कुमार दास वैष्णव, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल, सुरेश कुमार शर्मा आदि ने अपर कलेक्टर अजय कुमार उरांव को मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकार से इस निर्देश पर पुनर्विचार करने आग्रह किया है। इन्होंने कहा है कि वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलते भयावह स्थिति को देखते हुए 30 सितंबर तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों को बंद रखा गया है और दूसरी तरफ शिशु, गर्भवती महिलाओं तथा 65 वर्ष से अधिक महिला एवं पुरुष एवं 10 वर्ष से कम के बच्चों को घर से नही निकलने निर्देश के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों की खोलने का जोखिम भरा निर्णय लेना कहां तक उचित है?
0 नगर पंचायत अध्यक्ष सहित अभिभावकों ने जताई असहमति

नगर पंचायत छुरीकला की अध्यक्ष नीलम देवांगन, हीरानंद पंजवानी सहित पार्षद शेषबन गोस्वामी, बालगोविंद देवांगन आदि सहित अभिभावकों ने सेक्टर छुरीकला अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोलने पर असहमति जताई है। आज नगर पंचायत के सभी वार्डों में संचालित आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों के पालकों व अभिभावकों से सतत संपर्क किया गया। अभिभावकों सहित जनप्रतिनिधियों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेजने असमर्थता जाहिर की है। वार्ड क्र. 2 में आज ही एक व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव पाया गया जिससे नगर में भय का वातावरण निर्मित है। सभी ने हालात सामान्य होने तक आंगनबाड़ी केन्द्र को संचालित करने को सर्वथा अनुचित बताया है।
0 सुविधाओं के लिए जूझ रहे आंगनबाड़ी केन्द्र
यहां बताना लाजिमी है कि आंगनबाड़ी केन्द्र मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। पीने का पानी से लेकर लघुशंका व दीर्घशंका के लिए भी दूसरी व्यवस्थाओं पर बच्चों सहित आंगनबाड़ी कर्मियों को निर्भर रहना पड़ रहा है। पेयजल के साधन न होने से पास-पड़ोस के लोगों से मदद ली जाती है तो वहीं प्राय: सभी केन्द्रों के शौचालय टूटे-फूटे हालत में उपयोगहीन हैं। बच्चों को आपातकाल में केन्द्र से घर तक की दौड़ लगानी ही पड़ेगी और बार-बार आना-जाना लगा रहता है।