सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर शहीदों और राष्ट्र सेवा में समर्पित सैनिकों को किया नमन
मुख्यमंत्री ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में दिया योगदान
प्रदेशवासियों से अधिक से अधिक योगदान करने की अपील की
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर शहीदों और देश की सेवा में जुटे सभी सैनिकों को नमन करते हुए कहा है कि यह दिन हमें अपने देश के उन वीर जवानों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं और सुरक्षित जीवन जी रहे हैं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से देश की सेनाओं, भूतपूर्व सैनिकों और शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में अधिक से अधिक योगदान करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सशस्त्र झंडा सेना दिवस हमें याद दिलाता है कि हम अपने वीर-जवानों के परिवारों और पूर्व सैनिकों के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप सभी झंडा-दिवस में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाएं। झंडा-दिवस पर जो भी धनराशि एकत्रित की जाती है, वह हमारे सैनिकों और उनके परिवारों की कल्याण योजनाओं में काम आती है। आप सबसे मेरा आग्रह है कि आप भी इसमें सहभागी बनें और राष्ट्र-सेवा में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री श्री साय से आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर संचालक, सैनिक कल्याण छत्तीसगढ़, ब्रिगेडियर श्री विवेक शर्मा ने उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें लेपल पिन लगाकर सशस्त्र सेना झंडा दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में अपना योगदान दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाएं देश की सीमाओं की रक्षा करने के साथ साथ प्राकृतिक आपदाओं, आतंरिक संकटों और मानवता के किसी भी संकट के समय हमारे साथ खड़ी रहती हैं। हमारे सैनिकों की वीरता और समर्पण ने देश को हर परिस्थिति में सुरक्षित बनाए रखा है। ब्रिगेडियर श्री विवेक शर्मा ने बताया कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि से 27 कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। इस वर्ष इस निधि से एक करोड़ 5 लाख रुपए की राशि विभिन्न योजनाओं के तहत सैनिकों और शहीदों के परिवारों को वितरित की गई है।