कोरबा(खटपट न्यूज़)। कोरबा जिले में आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती के नाम पर ठगी व दस्तावेज से छेड़छाड़ कर अपात्र घोषित किए जाने की शिकायत अभ्यर्थियों ने की है। कलेक्टर से शिकायत करते हुए उन्होंने जांच कार्रवाई की मांग की है।
ग्राम दर्राभांठा निवासी भारती कंवर ने शिकायत में कहा है कि सहायिका पद के लिए महिला बाल विकास ग्रामीण में उसने आवेदन किया था। योग्यता की बदौलत आवेदन करने के बाद भी कार्यालय से परियोजना अधिकारी के द्वारा फोन कर उसे आफिस बुलाया गया। 50 हजार रूपए की मांग की गई। असमर्थता जाहिर करने पर परियोजना अधिकारी के दबाव बनाने जाने पर उसने 40 हजार रूपए दो किस्तों में देने की सहमति दी। फसल लगी खेत को गिरवी रखकर 20 हजार रूपए परियोजना अधिकारी को दिए लेकिन दूसरे अभ्यर्थी से ज्यादा पैसे लेकर मैरिट सूची में उसकी बजाए उसे प्रथम स्थान पर रखा गया। भारती को दूसरे स्थान पर रखा गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत बेंदरकोना निवासी सुनीता देवी ने भी आरोप लगाया है कि उसकी अनुसूची में भी शासन द्वारा विशेष लाभ के तहत आदिवासियों को 50 प्रतिशत प्राप्तांक में अधिभार का लाभ दिया गया था। लेकिन मूल्यांकन के समय अधिभार प्रतिशत को नहीं जोड़ा गया। दूसरे अभ्यर्थी की अंक सूची में इसे जोड़ा गया है। गरीबी रेखा सूची 2002 की प्रतिलिपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी के हस्ताक्षर युक्त आवेदन के साथ संलग्न किया था। उसका भी छ: अंक नहीं जोड़ा गया है। इसी तरह जी बी 1 बेंदरकोना का आरोप है कि बीपीएल सर्वे सूची में मिलने वाले अंक को नहीं जोड़ा गया है। छ: अंक नहीं मिलने के कारण मेरिट सूची में उसका नाम नहीं आया। भैसमा निवासी वर्षा कुमारी का कहना है कि अंक सूची में ग्र्रेडिंग के साथ अंक प्रतिशत दर्ज है फिर भी उसे अपात्र घोषित किया गया। आवेदन पत्र में अंक सूची गे्रेडिंग नियम को कहीं भी नहीं दर्शाया गया है। ग्राम पंचायत बेंदरकोना निवासी मोंगरा खुंटे का कहना है कि अंक सूची में ग्रेड़िग के साथ प्रतिशत दर्ज है फिर भी उसे अपात्र घोषित कर दिया गया है। मोंगरा खुंटे व वर्षा कुमारी भैसमा और बेंदरकोना है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के द्वारा विज्ञप्ति पत्र उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया है न ही नोटिस चस्पा की गई है।