सरगुजा/ अम्बिकापुर। आईपीएस अफ़सर रतनलाल डांगी ने कोरोना से पीड़ित व्यक्ति का मनोबल बढ़ाने और हिम्मत देने की बात कही है। उन्होंने संक्रमित लोगों का आत्महत्या जैसा कदम उठाना चिंता का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि हम सबके द्वारा उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत है। देश व प्रदेश मे कोरोना संक्रमित लोगों के द्वारा आत्महत्या करने की सूचनाएं विभिन्न माध्यमों से मिलती रहती हैं।जिस वायरस जनित बिमारी में @ 90% रिकवरी रेट के बावजूद कुछ लोग अपनी जीवनलीला समाप्त करने जैसे कदम उठा रहे है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं को रोके । इसमें सबसे बड़ी है भूमिका परिवार,मित्र,पड़ौसी, डॉक्टर और समाज की है। सबसे पहले तो जिस परिवार का सदस्य है उनको संक्रमित व्यक्ति का मनोबल बढ़ाना चाहिए, किसी भी प्रकार का कटाक्ष नहीं करना चाहिए। उसको हिम्मत दे कि यह ऐसी बीमारी है जिसमें कुछ समय के परहेज से बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।जब अस्पताल में भर्ती कराया गया हो तो समय समय पर उससे मोबाइल पर विडिओ,चैटिंग से सम्पर्क बनाए रखे।उसका मनोबल बढ़ाएं। पड़ौसी व मौहल्ले वासियों को भी उस परिवार व संक्रमित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति दिखाएं, किसी प्रकार का सामाजिक बहिष्कार जैसी चीजें न बातचीत मे आए और न ही अपने व्यवहार मे लाएं।भौतिक दूरी रखे न कि सामाजिक दूरी। जैसे ही मित्रों को जानकारी मिले उनकों भी अपने मित्र से बातचीत करना चाहिए उसे अकेलापन न लगना चाहिए। अस्पताल मे यदि रखा गया हो तो संक्रमित व्यक्ति की काउंसलिंग की जानी चाहिए। स्टाफ का बर्ताव भी नम्र, शालीन व आत्मीय होने से व्यक्ति को संबल मिलता है। डॉक्टरों की सलाह से कभी कभी घर से बना खाना भी दिया जाए तो उसका भी सकारात्मक असर होता है। चाहे वो घर में हो या अस्पताल मे ऐसे व्यक्ति को व्यस्त रखा जाए जिससे उसके दिमाग मे निराशाजनक विचार न आ पाएं। प्रतिदिन स्वस्थ होने वालों की जानकारी साझा करने से भी मनोबल बढ़ता है। हमारा इतना सा प्रयास भी कई जानें बचा सकता है।
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