Sunday, December 22, 2024
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Homeकोरबाआंखों देखी अनदेखी:प्रतिबन्ध में भी खोद रहे नदी,सो रहे अधिकारी….

आंखों देखी अनदेखी:प्रतिबन्ध में भी खोद रहे नदी,सो रहे अधिकारी….

कोरबा(खटपट न्यूज़)। बालू नदी के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज तत्व है, जिसके संरक्षण के लिए खासकर बरसात के मौसम में नदी खोदकर रेत निकालने पर प्रतिबंध लगाया जाता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार 15 अक्टूबर तक नदियों को खोदने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद कोरबा भी एक ऐसा जिला है जहां नदी बेधड़क और बदस्तूर खोदी जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए जिम्मेदार पर्यावरण संरक्षण विभाग और खनिज विभाग,राजस्व का अमला तथा अधिकारी बेखबर होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं।
कटघोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत डुड़गा से होकर बहने वाली नदी जो कि यहां के रह वासियों के निस्तार का एक माध्यम है, उसे खोदकर कर बीच नदी से रेत निकाली जा रही है। रेत खोदने के कारण नदी में कई जगह गहरे गड्ढे होते जा रहे हैं जो डूबने से मौत का सबब बन जाए तो कोई बड़ी बात नहीं। इसकी कल्पना कर ग्रामीण भयभीत और संशकित हैं।

यह तस्वीर आज सुबह लगभग 9 बजे की है जहां कई ट्रैक्टर लगाकर नदी में उतरकर रेत निकाला जाना सामने आया है। खनिज विभाग के अधिकारी दावा करते हैं कि कहीं भी रेत का अवैध खनन नहीं हो रहा है लेकिन इस तस्वीर को वह कैसे झुठलाएँगे। अवैध रूप से रेत खोद कर निर्धारित क्षेत्रफल से कहीं ज्यादा बड़े क्षेत्र में रेत का निर्धारित लायसेंसी मात्रा से कई गुना ज्यादा भंडारण के मामले में कार्रवाई करने से बचते आ रहे खनिज अमले के लिए ऐसे प्रकरणों में कार्रवाई करना चुनौती पूर्ण भी है। भंडारण की गई अवैधानिक रेत को तो खपाया जा रहा है जो कि निर्माण कार्यों के दृष्टिगत सही ठहराया जा रहा है। यदि इसे नजर अंदाज कर दिया जाए तो भी प्रतिबन्ध अवधि में जिस तरह से नदियों को खोदा जा रहा है, वह तो गलत ही है। स्थानीय ग्रामवासियों में इस बात को लेकर आक्रोश भी है कि आखिर इन्हें इसकी छूट विभाग कैसे दे रहा है। नियम-कायदों की इतनी भी अनदेखी ठीक नहीं। इस अनदेखी के बीच रेत के अवैध कारोबार से जुड़े लोग सार्वजनिक रूप से यह दावा करते नहीं थकते कि वह हर महीने निश्चित रकम संबंधित लोगों तक पहुंचा रहे हैं तो हमें कौन रोकेगा/पकड़ेगा? रेत के अवैध कारोबारियों की अवैध हरकत से निस्संदेह प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

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