Friday, March 14, 2025
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बिना तलाक के दूसरे विवाह का आदेश ना दें समाज पदाधिकारी

0 प्राचार्या के खिलाफ स्टॉफ के 23 कर्मियो ने किया सामूहिक शिकायत आयोग ने टीम का किया गठन

रायपुर(खटपट न्यूज़)। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ. अनीता रावटे व श्रीमती बालो बघेल ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदश स्तर की 189 वीं सुनवाई हुईए रायपुर जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 30 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनों पक्ष उपस्थित आवेदिका ने अपने घर और दुकान पर अनावेदक पुत्र के कब्जे का शिकायत किया है। दोनो पक्षों को सुना गया संपत्ति विवाद का मामला है उभय पक्ष अपने-अपने दस्तावेज लेकर दिनांक 12/07/2020 को काउंसलर और अधिवक्ता के समक्ष प्रस्तुत करें उनके रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण की सुनवाई किया जायेगा ।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने 4 लोगों के खिलाफ प्रकरण प्रस्तुत किया है। प्रकरण के तथ्य स्पष्टतः नहीं लिखा था किघटना कब हुआ है। आवेदिका को पहले एक बार कार्य मुक्त किया गया था। जिसे लेबर कोर्ट के आदेश पर रखा गया था। लेकिन आवेदन दिनांक 31/05/2023 को दिया था। दिनांक 03/06/2023 को आवेदिका को फिर से काम से निकाल दिया है। अतः अनावेदिका अपने आवेदन में संशोधन कर सकती है। दोनों पक्ष को एक सप्ताह के अंदर अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समय दिया गया।

अन्य प्रकरण में अनावेदकगणों के द्वारा जानकारी दिया गया है. उन्हें आयोग में और आवेदिका को मेल के द्वारा 20 मई को दस्तावेज दिया था। जिसकी एक प्रति अनावेदकगणों के द्वारा आज समक्ष में प्रस्तुत किया गया और आवेदिका को भी उसकी प्रति उपलब्ध कराई गई। जिसका जवाब देने के लिये आवेदिका को समय देना आवश्यक है। प्रकरण पर आगामी सुनवाई किया जा सके।

अन्य प्रकरण में अनावेदिका ने जानकारी दिया कि इस आवेदिका ने अनावेदिका के पति से विवाह किया है और उसका बच्चा भी हो गया है इस आवेदिका ने अनावेदिका के खिलाफ धारा 509 थाना अंबिकापुर में दर्ज कराया है और 25 नवंबर 2020 को आवेदिका ने विवाह कर लिया है। दस्तावेज देखने से यह स्पष्ट है कि आवे एक विवाहित पुरुष जानबूझ कर दूसरा विवाह किया है जो कि पूर्णतः अवैधानिक है और अवैधानिक विवाह को बचाने के लिए अनावेदिका के खिलाफ शिकायत की है। झूठी एफ.आई.आर दर्ज कराई। इस अनावेदिका का प्रकरण आयोग से पूर्व के निराकृत हो चुका था अतः आवेदिका का पूर्व का प्रकरण और अनावेदिका के समस्त दस्तावेजो को देखे जाने के बाद आवश्यकतानुसार निर्णय किय जायेगा।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष के मध्य विभिन्न राजस्व न्यायालयों के मामले चले है और मामले भी लंबित है। आवेदिका के पिता से आवेदिका की मां ने तलाक लिए बिना दूसरा विवाहकर लिया जिसके 2 बेटे बेटी है और पिता की सम्पूर्ण सम्पत्ति से आवेदिका को बेदखल कर दिया गया है। दोनों पक्ष अपने दस्तावेज लाने के लिए समय दिया गया है। आवेदिका की मां के तलाक और आवे के पिता को बंटवारा मे मिली संपत्ति का विवरण आगामी सुनवाई में प्रस्तुत किया जायेगा।

अन्य प्रकरण में आवेदिका का विवाह 19 फरवरी 2018 में अनावेदक से विवाह हुआ और विवाह के बाद महज ढाई माह ससुराल में रही है उसे अलग-अलग तरीके से परेशान किया गया। जिसके कारण आवेदिका अनावेदक के साथ नही रही। इस बीच अनावेदक ने 13 फरवरी 2022 को चुडी प्रथा से विवाह कर लिय है अनावेदक ने यह स्वीकार किया की उसने आवेदिका से विधिवत् तलाक नहीं लिया है। आवेदिका अपने विवाह का पूरा सामान और एक मुश्त भरण-पोषण राशि की मांग किया है। इस पर अनावेदक ने समय की मांग किया है। इस प्रकरण में आगामी सुनवाई में समाज के पदधिकारियों को बुलाया जायेगा। उसके पूर्व काउंसलर सुषमा दुबे दोनों पक्षों का काउंसलिंग करें ताकि प्रकरण का सुलहनामा संभव हो सके, नहीं होने पर निर्णय लिया जा सकेगा।

अन्य प्रकरण में 23 कर्मचारीयों ने मिलकर प्राचार्या के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि वह मैं मानसिक प्रताड़ना करती है। स्कूल में बच्चों, स्टॉफ के टॉयलेट व भवन में व्यवधान डाले जाने की शिकायत आवेदिकागणों के द्वारा किया गया है। अनावेदिका ने बताया कि शाला विकास समिति के अनुमोदन से कार्यवाही की गई है। अनावेदिका को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था और दूसरे दिन उन्हें पुनः बहाल किया गया था। इस प्रकरण में चूंकि शिकायतकर्ताओं की संख्या बहुत अधिक है और सभी कि शिकायत को एक साथ यहां पर सुना जाना संभव नहीं है अतः आयोग द्वारा कमेटी के माध्यम से जांच कराया जाना आवश्यक है। इस प्रकरण में आयोग की सदस्य और अधिवक्ता एक माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बिना आवेदिका से तलाक लिये दुसरा विवाह कर लिया है और आवेदिका को घर से निकाल दिया है। दोनो बच्चों को अनावेदक अपने पास रखा है। राजमिस्त्री का काम करता है। काउंसलर द्वारा समझाईश दिये जाने पर आवेदिका को 4000 रू देने को तैयार है। 14 जुलाई को काउंसलर के समक्ष 4000 रू. अनावेदक आवेदिका को देगा। अनावेदक 4000 रु. भरण-पोषण देने से इंकार करता है तो आवेदिका अनावेदकगणों के विरुद्ध बिना तलाक लिये दूसरा विवाह किये जाने का आपराधिक मामला दर्ज करा सकती है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने आवेदिका से तलाक लिये बना दुसरी महिला से विवाह किया है और एक लड़का भी है। अनावेदक एस.ई.सी.एल में डाटाएंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है और उसके पिता भी एस.ई.सी.एल से सेवानिवृत्त आवेदिका की मेडिकल कंडीशन का जीवन भर ईलाज कराना पड़ेगा। इसलिए आवेदिका एकमुश्त भरण-पोषण और संपत्ति में हिस्सा चाहती है। दोनों पक्ष से बात कर उनका विवरण अधिवक्ता के समक्ष प्रस्तुत करेंगे ताकि दोनों पक्षों के बीच सुलह हो सके।

अन्य प्रकरण में आवेदिका के पास अनावेदक के बच्चे पल रहे है। जो अपने पिता के पास जाने को तैयार नहीं इनके भरण-पोषण और संपत्ति में हिस्सा देने की भी प्रक्रिया अब तक नहीं किया है। आवेदिका ने बताया है कि धरमपुरा में 2 एकड़ पर डिसमिल जमीन आवेदिका के मां के नाम पर है। जिसे अनावेदक ने कब्जा कर रखा है। इस प्रकरण में काउंसलर नियुक्त किया जाता है दोनों पक्षों से बात करा दे वक्ता की रिपोर्ट देंगे उसके बात प्रकरण में आगामी सुनवाई की जाएगी।

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