भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने एवं मृत्यु दर न्यूनतम करने के लिए आईआईटीटी (आईडेंटिफाई, आयसोलेट, टेस्ट एण्ड ट्रीटमेंट) रणनीति का प्रभावी क्रियान्वयन जारी रहे। वर्तमान में लॉकडाउन खुल जाने के कारण नए कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं, थोड़ी सी भी असावधानी संक्रमण बढ़ा सकती है। सभी कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि अपने-अपने जिलों में पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ रणनीति पर कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल सहित पूरे प्रदेश में फीवर क्लीनिक्स को प्रभावी बनाया जाए।
सीएम श्री चौहान मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला उपस्थित थे।
जाँच करें तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करें : वल्लभ भवन के एक कर्मचारी की कोविड से मृत्यु के मामले में बताया गया कि वह जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में गया था तथा वहाँ से उसे दवा देने के बाद वापस भिजवा दिया गया, उसका टेस्ट नहीं किया गया। बाद में गंभीर रूप से बीमार होने पर वह दोबारा अस्पताल आया, परंतु उसे उपचार के बावजूद भी बचाया नहीं जा सका। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रकरण को गंभीरता से लिया जाकर तुरंत जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
915 लोगों पर 1 लाख 85 हजार रूपए का ज़ुर्माना : भोपाल जिले की समीक्षा में बताया गया कि भोपाल में मास्क न लगाने तथा यहाँ-वहाँ थूकने पर 915 लोगों पर 1 लाख 85 हजार रूपए का फाईन किया गया है।
मप्र की कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4.42 प्रतिशत : एसीएस हैल्थ श्री सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश की कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4.42 प्रतिशत है, जबकि पूरे देश की 5.51 प्रतिशत है। हमारी रिकवरी रेट 68.8 प्रतिशत है, जबकि पूरे देश की 49.1 प्रतिशत है। प्रदेश के 22 जिलों में 10 से कम कोरोना के मरीज है तथा 04 जिले अलीराजपुर, होशंगाबाद, सिवनी और सीहोर कोरोना मुक्त है। प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन 6 हजार से अधिक है।