0 कार्यवाही का निर्देश के बाद भी बख्शा जा रहा
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही (खटपट न्यूज़)। मरवाही वनमंडल में हुए व्यापक घोटाले में दोषी पाए गए छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाकर निलंबित कर दिया गया मगर फर्जी समिति गठित कर शासन को प्रमाणित 1 करोड़ रुपये से अधिक रूपये का चूना लगाने वाले दोषी प्रभारी डीएफओ (मूलतः एसडीओ) संजय त्रिपाठी पर कार्यवाही करने में पसीने छूट रहे है। त्रिपाठी वर्तमान में कटघोरा वनमंडल में एसडीओ पदस्थ हैं।
बता दे कि मामले की दो बार सीसीएफ और प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय रायपुर द्वारा जांच की जा चुकी है और दोनों की जाँच रिपोर्ट में दोषियों पर निलबंन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई है। मामले में एक वनरक्षक , तीन डिप्टी रेंजर एवं दो रेंजरों पर निलबंन की कार्यवाही की जा चुकी है मगर घोटाले के मुख्य रचनाकर्ता प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी पर कार्यवाही न होने से कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
इस प्रकरण में प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तीन माह पूर्व संजय त्रिपाठी के विरुद्ध 1 करोड़ 2 लाख की वसूली, निलबंन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है, किंतु आज पर्यंत इस प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालकर आरोपी त्रिपाठी को बचाने का प्रयास प्रतीत होता है ।
भ्रष्टाचार में डूबे कुछ वन अधिकारियों व कर्मियों के कारण सरकार को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। शासन की योजनाओं का जंगलों में क्रियान्वयन कम फर्जीवाड़ा ज्यादा हो रहा है। सरकार को दोहरा नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे अधिकारी-कर्मियों पर एफआईआर भी होनी चाहिए। इनकी वजह से सरकार की छवि धूमिल भी हो रही है। उक्त मामले की शिकायत 19 जून को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे में करना तय किया गया है।