Sunday, September 8, 2024
Google search engine
Google search engine
Google search engine
Google search engine
Homeकोरबालापरवाही: 60 साल के वृद्ध को हुआ कोरोना, एक हफ्ते निजी अस्पताल...

लापरवाही: 60 साल के वृद्ध को हुआ कोरोना, एक हफ्ते निजी अस्पताल में भर्ती रहा, रायपुर रिफर हुआ तो जांच में पॉजिटिव से मची हड़कम्प

0 संदिग्ध मरीजों की जांच में निजी अस्पतालों के द्वारा बरती जा रही लापरवाही पड़ सकती है भारी

कोरबा। एक मामला कोरबा जिले में सामने आया है जिसमें एक वृद्ध एक हफ्ते तक निजी अस्पताल में इलाज कराता रहा।हालत बिगड़ने पर रायपुर रिफर किया तो जांच में रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और सरकार द्वारा जितने भी प्रयास किए जा रहे हैं उसमें कहीं ना कहीं सेंध भी लग रही है। आम जनता तो कई मौकों पर लापरवाह बनी हुई है, साथ ही निजी अस्पताल भी इसमें अपनी भूमिका निभा रहे हैं। किसी भी मरीज की तकलीफ समझ ना आने और इसे बढ़ने के बाद रेफर कर अपना पल्ला झाड़ने की इनकी आदत कोरोना के मामले में भारी पड़ती नजर आ रही है।
पुष्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम देवलापाठ का रहने वाला 60 वर्षीय वृद्ध गांव में ही स्थाई ठेला लगाकर बिस्किट आदि बेचा करता है। उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजनों ने 24 जुलाई को कोसाबाड़ी स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां 31 जुलाई तक उसका उपचार होता रहा किंतु चिकित्सक उसकी तकलीफ की मूल वजह को पकड़ नहीं सके। इस बीच हालत और बिगड़ने पर वृद्ध को रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर रेफर कर दिया गया। 3 अगस्त को उसकी जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही कोरबा से लेकर रायपुर तक हड़कंप मच गई। वृद्ध को विशेष कोविड अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया जा रहा है। इस पूरे मामले में अब यह चिंता का विषय है कि उक्त वृद्ध के परिजन और उसके द्वारा ठेला में बिक्री के दौरान संपर्क में आये ग्रामीण और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मरीज, उसके परिजन से मुलाकात करने वाले लोग, परिजनों के द्वारा दवा आदि की खरीदी के लिए अस्पताल के मेडिकल काउंटर से खरीदारी करने के दौरान संपर्क में आए लोग और फिर कोरबा से रायपुर तक ले जाने, वहां 31 जुलाई से 3 अगस्त को रिपोर्ट आने के बीच इन सभी के संपर्क में रहने वाले लोगों के जांच की आवश्यकता बन पड़ी है। एक बड़ी श्रृंखला बन गई है जो कोरोना फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे हैं तमाम प्रयासों में एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही का नतीजा हो सकता है। जब कोरोना का फैलाव बढ़ रहा है तो इस तरह के मामलों को या तो अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए या फिर उपचार की सुविधा ना हो तो उसे रेफर करें। निजी अस्पतालों में कोरोना के लक्षण वाले भर्ती संदेही मरीजों के संबंध में जिला प्रशासन, जिला स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराने की भी जरूरत है और इस हेतु निर्देश भी दिए गए हैं फिर भी एक सप्ताह तक भर्ती इस वृद्ध के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई।

Google search engine
    Google search engine
    Google search engine

    Google search engine
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments