0 कलेक्टर-एसडीएम का निर्देश भी काम न आया
0 महिला समूह पर व्यवसायियों का दबाव
कोरबा(खटपट न्यूज़)। कोरोना संक्रमणकाल के दौरान संक्रमित मरीजों के लिए भोजन-नाश्ता आदि की व्यवस्था में जान जोखिम में डाल कर महिला स्व सहायता समूह ने तत्पर काम किया। काम निकल जाने के बाद अब भुगतान के लिए इन्हें दर-दर की ठोकर खिलाई जा रही है। 25 लाख से भी अधिक रुपए बकाया है जिसके लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन स्तर पर पत्र लिखा, फिर भी राशि नहीं मिल पा रही है।
नवदुर्गा महिला स्व सहायता समूह ढोढ़ीपारा की अध्यक्ष सेवती ने बताया कि कोविड-19 के समय संक्रमित मरीजों को ट्रामा सेंटर, टॉप इन टाउन, ईएसआईसी हास्पिटल, रशियन हॉस्टल, बुधवारी हास्टल व अन्य जगहों पर जाकर 17 अप्रैल से 20 अक्टूबर 2020 तक भोजन-पानी की व्यवस्था की गई। जान जोखिम में डालने के साथ-साथ चल-अचल संपत्ति को विक्रय कर एवं स्व सहायता समूह की साख के आधार पर व्यापारियों से खाद्य सामग्री, सब्जी, डिस्पोजल प्लेट, सिलेंडर, दूध आदि उधारी में लेकर सेवा की गई। इसके बाद से उक्त कार्य के एवज में खर्च की गई राशि प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं। बकाया के संबंध में लगातार पत्र लिखा जा रहा है। मुख्यमंत्री को भी 8 अप्रैल 2022 को पत्र प्रेषित किया गया लेकिन भुगतान नहीं हो सका है। तत्कालीन एसडीएम सुनील कुमार नायक के द्वारा 23 अगस्त 2021 को नाजिर शाखा को भुगतान के लिए आदेशित किया गया। इसके पश्चात 10 दिसंबर 2021 को एसईसीएल कुसमुुंडा, गेवरा, कोरबा, दीपका के महाप्रबंधक, बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को बकाया रकम भुगतान के लिए एसडीएम द्वारा निर्देशित किया गया फिर भी कोई भुगतान नहीं हुआ। रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने भी 15 नवंबर 2021 को कोरबा कलेक्टर को पत्र लिखा लेकिन नतीजा शून्य रहा।
0 आर्थिक स्थिति बहुत खराब
नवदुर्गा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष ने बताया कि कोविड काल में उपरोक्त सेवा कार्यों के लिए कुल 62 लाख 67 हजार 480 रुपए खर्च हुए। इसके एवज में अलग-अलग तिथियों में कुल 37 लाख 1 हजार 120 रुपए प्राप्त हुआ तथा 25 लाख 36 हजार 360 रुपए का भुगतान शेष है। इतनी बड़ी राशि बकाया होने के कारण समूह के सदस्यों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है तथा सदस्यों पर बकाया राशि चुकाने हेतु व्यापारियों का दबाव है। जान से मारने की धमकी तक मिल रही है जिससे वे काफी डरे हैं और कभी भी अप्रत्याशित घटना घट सकती है।