कोरबा(खटपट न्यूज़)। एसईसीएल की दीपका खदान के सात नंबर चेक पोस्ट से एक ओवरलोड टेलर को सीआईएसएफ ने पकड़ा जिसमें भार क्षमता के अलावा लगभग 1 टन से अधिक अवैध कोयला लोड था। शक होने पर जांच की गई तब कोयला चोरी का खुलासा हुआ ।
उक्त मामले में सीआईएसफ ने रोड सेल विभाग को ओवरलोड टेलर को सौंप दिया एसईसीएल प्रबंधन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कोयला लोड टेलर को एमटी आउट कर ब्लैक लिस्ट कर दिया । यहां यह बताना लाजिमी होगा कि पिछले लंबे समय से इस तरह के खेल दीपिका खदान चल रहा है यदा-कदा कार्यवाही भी की जा रही है मगर जरूरत है कड़ी कार्यवाही की जिससे कि कोयले कि चोरी पर लगाम लग सके।
बताया गया कि 31 दिसंबर शनिवार को दीपका खदान में 07 नम्बर बैरियर से टेलर क्रमांक CG10 AA-1313 कोयला लोड कराने अंदर एंट्री किया था। उसी दिन उक्त टेलर दीपका खदान से कोयला लोड कर एसईसीएल के विभागीय कांटा से तौल करवा करा खदान से बाहर निकलना था किंतु चोरी करने की नीयत से उक्त ट्रक ने सात नंबर बैरियर न आकर पुनः अपने मालवाहक में फिर से कोयला लोड करवा लिया जिसकी सूचना बेरियर में तैनात सीआईएसएफ़ जवानों को मिल गयी ।
श्रमिक चौक के पास 7 नम्बर बेरियर में तैनात सीआईएसफ जवानों ने कोयला लोड ओवरलोड टेलर को शनिवार शाम 6 बजे रोक लिया जंहा टेलर को दोबारा रीवेट कराया गया जिसमें भाड़ा पर्ची में अंकित भार क्षमता से लगभग 1 टन कोयला अधिक पाया गया।उक्त मामले में दीपका प्रबंधन ने ओवरलोड ट्रेलर को एमटी आउट कर ब्लैक लिस्ट कर दिया।
सेल्स ऑफिसर जी के रॉय रोड सेल्स ऑफिसर,दीपका एरिया मुताबिक खदान के अंदर का मामला है रूटीन जाँच पकड़ा गया-ओवरलोड कोयला का मामला सामने आया था जिसे रूटीन जाँच में शार्ट आउट कर दिया गया है जिसे बाद में खाली करवा कर ब्लैक लिस्ट कर गया । दीपका खदान के अंदर का मामला है कई बार ऐसा हो जाता है जिस पर प्रबंधन कार्रवाई करता है
एसईसीएल के अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के मामले आते रहते हैं जिसमें वाहन ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता है मगर उक्त खाते की डी ओ मैं किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती।
सूत्रों की माने तो खदानों से अक्सर ओवरलोड ट्रकों से कोयला चोरी हो रहा हैं जिसकी पहले शिकायत। भी की गई थी उस पर कार्रवाई भी की हुई है बिलासपुर रोड रोड स्थित कई ठिकानों पर प्रशासनिक कार्रवाई के बाद इस पर कुछ दिनों के लिए अंकुश लग गया था अब फिर से कोयला चोरी होने की शिकायतें सामने आ रही हैं जिस पर प्रशासन को फिर ठोस कदम उठाना पड़ेगा