Thursday, December 26, 2024
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/digital-ad-4-november-copy.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/10/kpt-advt-November-24-scaled.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/20x10.pdf
Homeकोरबाजनसम्पर्क कार्यालय की पहल पर ठगी का शिकार होने से बचे किसान…...

जनसम्पर्क कार्यालय की पहल पर ठगी का शिकार होने से बचे किसान… दो एजेंट जेन्जरा में किसानों को दे रहे थे कृषि ऋण का झांसा.. वसूल रहे थे 350 रुपये… ग्रामीणों के गोपनीय दस्तावेज भी कर रहे थे जमा…

कोरबा(खटपट न्यूज़)। जिले में प्रशासन और पुलिस ने पूर्व में कई बड़े ठगी के मामले और फर्जीवाड़ों का खुलासा करते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. वही इस तरह की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी ठग किस्म के लोगो का हौसला बुलन्द है. वे अब भी चोरी छिपे गांव-गांव पहुंचकर भोलेभाले किसानों को बिना ब्याज के ऋण का सब्जसाग दिखाकर उन्हें अपने जाल में फांस रहे है. आज भी कटघोरा तहसील के जेन्जरा गाँव मे एक फर्जी कंपनी के दो एजेंटों के द्वारा किसानों को ऋण के लिए उनसे उनके गोपनीय दस्तावेज हासिल कर लिए गए थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने आसपास के दर्जनों गांव का दौरा करते हुए अबतक सैकड़ो किसानों को बिना ब्याज ऋण उपलब्ध कराने का झांसा दे चुके है. यद्यपि उनकी कम्पनी ने अबतक किसी भी किसान को ऋण की रकम नहीं दी है. एजेंट के मुताबिक कंपनी ने इसी माह लोन देना शुरू किया है.

इसकी सूचना जैसे ही क्षेत्र के मीडियाकर्मियों को मिली वह फौरन मौके पर पहुंचे और फिर उक्त एजेंटों से पूछताछ कर वस्तुस्थिति की जानकारी जुटाई. उन्होंने ग्रामीणों से भी बातचीत की और लोन देने वाली कंपनी के सत्यता के बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि गांव में बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करने वाली कंपनी आई हुई है. उनके द्वारा मुनादी कराते हुए सभी किसानों को पंचायत भवन बुलाया गया और फिर साढ़े तीन-तीन सौ रुपये लेकर उन्हें फॉर्म मुहैय्या कराया गया. इसके अलावा वे ग्रामीणों का आधार कार्ड, बैंक पासबुक व अन्य पहचान से जुड़े कागजात भी इकट्ठा कर रहे थे. उनके फॉर्म में कही भी न कम्पनी का नाम लिखा था और ना ही वह किसानो को यह बता पा रहे थे कि आखिर बिना ब्याज के किसी किसान को वह तीन से पांच लाख तक का लोन कैसे मुहैय्या करा पाएंगे..

पूछताछ पर दोनों ही एजेंट गोलमोल जवाब देने लगे. चूंकि वे बार-बार कलेक्टर कार्यालय द्वारा अनुमति होने का हवाला दे रही थे लिहाजा मीडियाकर्मियों में फौरन जिले के जनसंपर्क कार्यालय के उपसंचालक श्री नागेश को फोन लगाया और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया. मिडिया ने उन्हें व्हाट्सअप के माध्यम से ग्रामीणों को बांटे गए फर्जी फॉर्म की प्रति भी भेजी. श्री नागेश ने इसपर संज्ञान लेते हुए कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एम जी श्याम से सम्पर्क कर इस तरह के गतिविधियों की पुष्टि कराई तो उन्होंने भी जानकारी नही होने की बात कही. उन्होंने भी बताया कि फिलहाल जिले में किसानों को ऋण देने के लिए किसी एनजीओ अथवा संस्था को अधिकृत नही किया गया है.

जनसम्पर्क अधिकारी ने मामले की जांच और कथित एजेंटों से पूछताछ के लिए कटघोरा एसडीएम व तहसीलदार से सम्पर्क किया. तहसीलदार ने जब एजेंटों और कम्पनी के जिला संयोजक को अपने दफ्तर बुलाकर उनसे पूछताछ की तो वह उन्हें भी सन्तुष्ट नही कर पाए जिसके बाद कथित किसान लोन कम्पनी के दो एजेंट व एक जिला कोऑर्डिनेटर को कटघोरा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. पुलिस अब उनसे गहनता से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है.

गौरतलब है कि तीन महीने पहले कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद किसान और मध्यम वर्ग के सामने कई तरह से नकदी का संकट आ खड़ा हुआ है. वही कृषि सीजन होने से भी उन्हें इस संकटकाल में फर्जी कंपनिया ऋण के रूप में नकदी रकम के लालच दे रही है. ऐसे में उक्त कंपनी भी स्थिति और उनकी विवशता का बेजा फायदा उठाकर जिले के किसानों को ठगने में जुटी हुई है. बता दे कि जिले में ऐसे की फर्जी एनजीओ व वित्तीय संस्थाए सक्रिय ही जो संगठित तौर पर किसानों को बिना ब्याज के लोन दिलाने का झांसा दे रही है. यद्यपि प्रशासन हर बार इनके मंसूबो को नाकाम करने में कामयाब रहता है. ताजा मामला भी इसी की मिशाल कही जा सकती है. प्रशासन किसानों और गरीब मजदूरों को इस बात की समझाइस दे रही है कि वे वित्तीय लेनदेन के मामलों में जागरूक हो. किसी भी तरह के निवेश अथवा नकदी सम्बन्धी लेनदेन के पूर्व कम्पनी, संस्था, एनजीओ की सत्यता को परखें.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments