Monday, December 23, 2024
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Homeकोरबाकलेक्टर की पहल पर दो महीने में ही मिली अनुकंपा नियुक्ति

कलेक्टर की पहल पर दो महीने में ही मिली अनुकंपा नियुक्ति


~दिवंगत क्लर्क के पुत्र की जिला कोषालय कार्यालय में हुई पदस्थापना
~कलेक्टर ने सेवा भाव और पूरी निष्ठा से काम करने की सलाह के साथ शुभकामनाएँ भी दी

कोरबा (खटपट न्यूज)। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल पर कलेक्टर कार्यालय के जिला कोषालय में पदस्थ क्लर्क के मृत्यु होने के दो महीने में ही उनके पुत्र को नौकरी मिल गई है। जिला कोषालय में सहायक ग्रेड-3 में पदस्थ स्व. नर्मदा प्रसाद यादव के पुत्र श्री बालेश्वर प्रसाद यादव को जिला कोषालय में ही भृत्य के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। स्व. नर्मदा यादव की आकस्मिक मृत्यु 12 दिसम्बर  2021 को हो गई थी। स्व. नर्मदा प्रसाद यादव के मृत्यु के पश्चात उनके आठवीं पास पुत्र श्री बालेश्वर प्रसाद यादव ने जनवरी 2022 में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने संवेदनशीलता दिखाते हुए आवेदन पर त्वरित कार्रवाई की। कलेक्टर के त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप काफी कम समय में ही बालेश्वर यादव को अनुकंपा नियुक्ति मिल गई है। कम समय में नौकरी मिल जाने से बालेश्वर यादव और उनके परिवार वालों ने जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया है। कलेक्टर श्रीमती साहू ने नियुक्ति पत्र जारी करते हुए बालेश्वर यादव और उनके परिवार को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बालेश्वर यादव को पूरी निष्ठा और सेवा भाव से काम करने की भी सलाह दी।
राज्य शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के 10 प्रतिशत पदों के सीमा बंधन को 31 मई 2022 तक शिथिल किया गया है। इसके फलस्वरूप स्व. नर्मदा प्रसाद यादव के पुत्र बालेश्वर यादव को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। मूलतः बिलासपुर जिले के निवासी स्व. नर्मदा यादव लगभग तीन वर्षों से जिला कोषालय कार्यालय कोरबा में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ थे। उनके तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। नौकरी मिलने के बाद बालेश्वर यादव ने बताया कि उनके पिताजी की मृत्यु के पश्चात् परिवार को विपरित आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा था। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पिताजी ने घर बनाने के लिए बैंक से लोन प्राप्त किया था। लोन लिये गये राशि में से पांच लाख रूपये बैंक को चुकाने के लिए बाकी है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा काफी कम समय में अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने से घर के आर्थिक परिस्थितियों में सुधार होगी। साथ ही बैंक के कर्ज को चुकाने में भी मदद मिलेगी। बालेश्वर ने बताया कि नौकरी मिलने से उनकी माता और भाईयों के पालन-पोषण में भी सहायता मिलेगी।

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