0 राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री से भी की गई उचित हस्तक्षेप की अपील
कोरबा (खटपट न्यूज) एसईसीएल बल्गी सुरकछार खदान में डीपिलरिंग के कारण हुए सुरकछार बस्ती में भू धसान से प्रभावितों को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उचित मुआवजा देने की मांग की है। आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि डीपिलरिंग के कारण सुरकछार बस्ती के 50 से अधिक किसानों का कृषि योग्य भूमि भू धसान के कारण बुरी तरीके से बर्बाद हो गया अब इस जमीन में भूधारक कोई कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं भूमि में दरारें इतनी गहरी है कि वह पूरी तरह तालाब,झिल और खाई में तब्दील हो गया है। यह भू धसान का सिलसिला लगातार बढ़ते हुए अब गांव के नजदीक तक पहुंच गया है जिसके कारण गांव में कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की आसंका से गांववासियों में भय का माहौल वयाप्त है। माकपा प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित छेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया प्रतिनिधि मंडल में प्रशांत झा,सुरती कुलदीप, राजकुमारी कंवर शामिल थे।
श्री झा ने बताया कि इसके पूर्व भी इस मुद्दे पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने संघर्ष किया था नतीजन प्रभावित किसानों को प्रशासन के हस्तक्षेप से प्रबंधन को आर्थिक मुआवजा का भुगतान करना पड़ा था लेकिन अफसोस कि बात है कि पिछले 3 साल से प्रबंधन ने प्रभावित किसानों को आर्थिक मुआवजा देने पर रोक लगा दी है जो कि पूरी तरह निंदनीय है।माकपा नेता ने पिछली बार प्रबंधन, प्रशासन, प्रभावितों के बीच त्रिपक्षिय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि भू धसान को रोकने के लिए और प्रभावित किसानों के भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए भूमि समतलीकरण करने का भी निर्णय लिया गया था लेकिन यह दुर्भाग्यजनक है कि एसईसीएल प्रबंधन ने इस निर्णय पर कोई भी अमल आज तक नहीं किया है दुष्परिणाम स्वरूप यह भू धसान बढ़ते बढ़ते गांव के नजदीक तक पहुंच गया है। पार्टी नेता ने आज प्रभावित किसानों को ब्याज सहित लंबित मुआवजा राशि का तत्काल भुगतान करने, भू धसान को रोकने के लिए और प्रभवित किसानों की भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए भूमि समतलीकरण करने और प्रभावितों के जमीन कृषि योग्य नहीं बनने की स्थिति में पुनर्वास नीति के तहत किसानो की भूमि अधिग्रहण करने की मांग करते हुए जिलाधीश, एसईसीएल मुख्य महाप्रबंधक , एवं उप क्षेत्रिय प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है। गौरतलब है कि माकपा ने इस मुद्दे को छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री का भी ध्यान आकर्षण कराते हुए इस मुद्दे पर उनसे उचित हस्तक्षेप करने की अपील की है।
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