ब्रिटेन के इंपेरियल कॉलेज लंदन की प्रोफेसर वेंडी बार्कली ने कहा है कि सांस छोड़ने के एक घंटे बाद भी कोरोना वायरस हवा में मौजूद रह सकता है. प्रोफेसर बार्कली ने कहा कि इस बात के लगातार सबूत मिल रहे हैं कोरोनो वायरस न सिर्फ किसी सामान की सतह से फैल सकता है, बल्कि हवा से भी संक्रमण फैला सकता है.
प्रोफेसर वेंडी बार्कली ने कहा- हम बिल्कुल जानते हैं कि कोरोना वायरस के बहुत छोटे ड्रॉपलेट में भी संक्रमण फैलाने की क्षमता होती है. इसी वजह से ये आशंका बनी हुई है कि लोग हवा से भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. इंपेरियल कॉलेज लंदन की प्रोफेसर ने कहा कि लैब में की गई स्टडी में पता चला था कि कोरोना वायरस हवा में एक घंटे से अधिक वक्त तक मौजूद रहता है.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा था कि हवा से कोरोना वायरस फैलने की थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता है. हालांकि, WHO यह भी कहता रहा है कि आमतौर पर कोरोना वायरस नाक और मुंह से बाहर आए वायरस के संपर्क में आने से फैलता है.
न सिर्फ छींकने और कफ से ये वायरस फैल सकता है, बल्कि सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के साथ बातचीत के दौरान भी वायरस बाहर आ सकता है. लेकिन खासकर बंद जगहों पर जहां बाहर से हवा आने का जरिया नहीं होता, वहां पर वातावरण में मौजूद हवा से भी कोरोना वायरस फैलने का खतरा काफी अधिक बताया जा रहा है.
कुछ जानकारों ने यह भी कहा है कि अगर किसी कमरे में संक्रमित व्यक्ति मौजूद हो तो वहां पर एसी (air conditioner) के जरिए भी संक्रमण फैल सकता है.