कोरबा (खटपट न्यूज़) कोविड-19 के कारण उपजे हालात ने देश के नागरिकों को यह अहसास दिलाया है कि खुद को सुरक्षित रखते हुए दूसरों की सुरक्षा का ध्यान और उनकी बेहतरी केलिए योगदान देकर ही इस वैश्विक चुनौती से निपटा जा सकता है। देश की प्रमुख और छत्तीसगढ़ की एकमात्र एल्यूमिनियम उत्पादक इकाई वेदांता समूह की कंपनीबालको ने अपने योगदान से शासन-प्रशासन, क्षेत्र और राज्य के जन प्रतिनिधियों तथा नागरिकों को यह विश्वास दिलाया है कि कोरोना वाइरस को समूल खत्मकरने की दिशा में कंपनी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। बालको परिवार के योगदान से अब तक छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग पांच लाखनागरिकों को कोविड के प्रति सतर्कता बरतने और सुरक्षित रहने में मदद मिली है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति कहते हैं कि देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए स्टेकहोल्डरों के साथबालको कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। कोरोना वाइरस की रोकथाम और उससे बचाव के लिए बालको प्रबंधन द्वारा जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों कोहरसंभव मदद दी जा रही है। ‘न्यू नॉर्मल’ के वर्तमान दौर के साथ समन्वयन के लिए बालको अपने प्रचालन में आधुनिक डिजीटल तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है।वर्तमान चुनौतियों से निपटने की दृष्टि से बालको द्वारा प्रचालन क्षेत्र के नागरिकों की हरसंभव मदद की जा रही है।
बालको संचालित अनेक सामुदायिक विकास कार्यों की क्रियान्वयन एजेंसी स्वयंसेवी संगठन ‘स्रोत’ के अध्यक्ष श्री डिक्सन मसीह कहते हैं कि वैश्विक महामारी सेबचाव, उसके नियंत्रण एवं जागरूकता की दिशा में बालको का योगदान प्रशंसनीय है। सार्वजनिक स्थानों के सैनिटाइजेशन, परियोजना उन्नति के जरिए महिलाओंऔर किसानों को आजीविका के अवसर तथा जरूरतमंद नागरिकों को पीपीई, सूखा राशन और तैयार भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर वेदांता-बालको ने अपनेप्रचालन क्षेत्र के नागरिकों के हितों के प्रति अपनी कटिबद्धता का परिचय दिया है। बालको ने आपातकालीन परिस्थितियों में आगे बढ़कर जरूरतमंदों की मदद की है।बालको की भागीदारी से राहत कार्यों को समुदाय तक तीव्र गति से पहुंचाना आसान हुआ।
कोविड-19 के दौर में बालको ने अपने सामुदायिक विकास कार्यों के निवर्हन की दिशा में नए कार्यक्रम शुरू किए।
· लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्यकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों के साथ ही समुदाय के ऐसे स्वयंसेवकों के लिए मास्क तथा अन्य व्यक्तिगतसुरक्षा उपकरणों की बड़ी संख्या में आपूर्ति की जरूरत महसूस की गई जो समुदाय में जाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे। बालको प्रबंधनने ‘उन्नति परियोजना’ के अंतर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को 12500 मास्क, 405 गाउन और 410 कैप सिलने का ऑर्डर दिया।शासन द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए समूहों की 51 महिलाओं ने लगभग 20 दिनों में बालको काऑर्डर पूरा कर दिया है। इसके एवज में उन्हें लगभग 75000 रुपए की आमदनी हुई।
· समुदाय में लगभग 50000 मास्क वितरित किए गए हैं। 5000 पी.पी.ई. किट, 1500 बोटल सैनिटाइजर और 12500 सर्जिकल मास्कस्थानीय समुदाय और अस्पतालों को उपलब्ध कराए गए।
· ग्राम चुईया में बालको और नाबार्ड ने एग्रीकल्चर इनपुट सेंटर नव किसान कृषि सेवा केंद्र की शुरूआत की। किसानों के संगठन नवकिसान बहुउद्देशीय सहकारी समिति मर्यादित, भटगांव की ओर से संचालित केंद्र से 10 गांवों के 500 से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
· कोविड-19 से लड़ने की दिशा में 1000 से अधिक बालको कर्मचारियों ने स्वेच्छा से अपने एक दिन के वेतन का योगदान मुख्यमंत्रीराहत निधि में किया है।
· वृद्धाश्रमों और चिह्नित जरूरतमंद 500 परिवारों को एक महीने का राशन दिया गया।
· बालको संचालित कार्यों की सूचना प्रतिदिन कोरबा जिला अस्पताल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी जा रही है। जरूरतमंदों केघर तक दवाइयां उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
· कोविड-19 के दौरान किए गए अनेक नवाचारों में अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (सी.एस.ओ.सी.) रहा। इसकाउद्देश्य बालको के प्रचालन, कार्यरत कर्मचारियों और परिसंपत्तियों की सुरक्षा को मजबूती देना है। संचार और सुरक्षा के क्षेत्र में अपनाई गईबालको की तकनीकें मिसाल हैं। स्मार्ट तकनीकों ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों मंे कर्मचारियों तक प्रभावी संवाद स्थापितकरने और उन्हें कोविड-19 संबंधी अनेक प्रोटोकॉल की जानकारी निरंतर मुहैया कराने की दिशा में अपना महत्व साबित किया है।
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