कोरबा(खटपट न्यूज़)। देवताओं की शक्ति वाला दुर्भल ब्रम्हकमल वैसे तो हिमालय की वादियों में होता हैं और सिर्फ रात को ही खिलता हैं सुबह होते ही इसका फूल अपने आप बंद हो जाता हैं. अपनी विशेषताओं के लिए यह दुनियाभर में काफी लोकप्रिय हैं. और लोग इसको देखने को तरसते हैं. यह एकमात्र ऐसा फूल हैं जिसकी पूजा की जाती हैं।भगवान ब्रह्मा के नाम पर इस फूल का नाम ब्रम्हकमल पड़ा था. माना जाता है इस फूल के दर्शन मात्र से अनेक इच्छाये पूरी हो जाती हैं।
अग्रोहा मार्ग कोरबा निवासी एवं घन्टाघर चौक स्थित स्वराज साइकिल स्टोर के संचालक अशोक अग्रवाल के निवास में तीन साल पहले ब्रम्हकमल का पौधा लगाया था उसमें सत्रह अगस्त सोमवार को रात्रि करीब आठ बजे एक फूल खिल उठा।इसी वर्ष जुलाई माह में सोमवार को रात्रि ब्रम्हकमल कमल खिला था. जैसे ही श्री अग्रवाल के यहां दुर्लभ ब्रम्हकमल खिलने की जानकारी करीबी व आसपास के लोगो को लगी रात को ही दर्शन करने श्री अग्रवाल के यहां गये। माना जाता है इस फूल के दर्शन मात्र से अनेक इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
यह अत्यंत सुंदर चमकते सितारे जैसा आकार लिए मादक सुगंध वाला पुष्प है। ब्रह्म कमल को हिमालयी फूलों का सम्राट भी कहा गया है। यह कमल आधी रात के बाद तो पूर्णतः खिलता है इसलिए इसे खिलते देखना स्वप्न समान ही है। एक विश्वास है कि अगर इसे खिलते समय देख कर कोई कामना की जाए तो अतिशीघ्र पूरी हो जाती है। दुर्लभता के इस गुण के कारण से ब्रह्म कमल को शुभ माना जाता है।
इस फूल की विशेषता यह है कि जब यह खिलता है तो इसमें ब्रह्म देव तथा त्रिशूल की आकृति बन कर उभर आती है। ब्रह्म कमल न तो खरीदा जाना चाहिए और न ही इसे बेचा जाता है। इस पुष्प को देवताओं का प्रिय पुष्प माना गया है और इसमें जादुई प्रभाव भी होता है। इस दुर्लभ पुष्प की प्राप्ति आसानी से नहीं होती। हिमालय में खिलने वाला यह पुष्प देवताओं के आशीर्वाद सरीखा है।
भाग्यशाली व्यक्ति ही इसे खिलते हुए देखते हैं और यह उन्हें सुख-समृद्धि से भर देता है। ब्रह्म कमल का खिलना एक अनोखी घटना है। सुगंध आकार और रंग में यह अद्भुत है। भाग्योदय की सूचना देने वाला यह पुष्प पवित्रता और शुभता का प्रतीक माना गया है।