चंडीगढ़। भारत के ‘उड़न सिख ‘ यानी फ्लाइंग सिख के नाम से विख्यात महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार देर रात 11:30 बजे चंडीगढ़ में निधन हो गया। इससे पहले रविवार को उनकी 85 वर्षीया पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

परिवार के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना से संक्रमित होने के करीब एक महीने बाद 91 वर्षीय इस महान धावक का निधन हो गया। 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और 1960 के ओलिंपियन ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। मिल्खा 20 मई को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। उनके पारिवारिक रसोइए को कोरोना हो गया था, जिसके बाद मिल्खा और उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।
इसके बाद उन्हें 24 मई को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें 30 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद 03 जून को ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बाद उनहें पीजीआईएमईआर के नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में भर्ती करवाया गया। गुरुवार को उनकी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। उनकी हालत शुक्रवार शाम को ज्यादा खराब हो गई थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गई थी। हालांकि, गुरुवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी। उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं।
0 एशियाई खेलों के चार बार स्वर्ण पदक विजेता
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था ।
0 पद्मश्री पिता-पुत्र की पहली जोड़ी
जीव मिल्खा सिंह को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है। ऐसे में मिल्खा सिंह और उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह देश के ऐसे इकलौते पिता-पुत्र की जोड़ी है, जिन्हें खेल उपलब्धियों के लिए पद्मश्री मिला है।
0 सीएम भूपेश बघेल ने जताया गहरा दु:ख
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत के महान धावक फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि मिल्खा सिंह देश के हजारों खिलाड़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे. उनके निधन से खेल जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. सीएम बघेल ने उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना से 91 साल की उम्र में निधन हो गया है. बता दें, बीते दिन उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी. खबरों के मुताबिक उन्हें फिर बुखार आ गया था और उनका ऑक्सीजन लेवल भी ंकाफी कम हो गया था. 91 साल के मिल्खा सिंह कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए थे जिसके बाद अब उनका निधन हो गया है. आपको बता दें, इसी हफ्ते मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोरोना से 85 साल की उम्र में निधन हुआ है. मिल्खा सिंह उस वक्त पीजीआई अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे जिस कारण वो पत्नी के दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे. (खटपट न्यूज – एजेंसी)














