कोरबा(खटपट न्यूज़)। जिला बाल कल्याण समिति, कोरबा की अध्यक्ष अधिवक्ता श्रीमती मधु पांडेय को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया। बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया था, जिसकी शिकायत जांच में सही मिली है। पुष्ट सूत्रों के मुताबिक शिकायत सही साबित होने के बाद बावजूद कार्यवाही लंबित थी कि लगभग 2 साल बाद विभाग ने उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। ज्ञात हो कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन बाल कल्याण समिति का संचालन किया जाता है जिसमें जरूरतमंद बच्चों के संबंध में समिति द्वारा फैसले लिए जाते हैं। यह एक वैधानिक समिति होती है, और इसमें समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़े गैर राजनैतिक लोगों की नियुक्ति विभाग द्वारा की जाती है।
बीते विधानसभा चुनाव – 2018 में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती मधु पांडेय के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने प्रमाण के साथ शिकायत की थी कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विकास महतो का प्रचार किया है। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच के आदेश दिए गए और शिकायत सही पाए जाने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा गया। इस संबंध में विभाग ने कई बार नोटिस जारी की, मगर कार्रवाई लंबित रखी गई। आखिरकार अब जब उनके कार्यकाल के 2 महीने बचे हैं, तब विभाग मुख्यालय से उनकी बर्खास्तगी का आदेश कोरबा पहुंचा है।
0 डीपीओ का गोलमोल जवाब
महिला एवं बाल विकास विभाग, कोरबा के जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद प्रकाश किस्पोट्टा ने इस बात की पुष्टि तो की है कि बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मधु पांडेय को बर्खास्त किया गया है मगर इसकी वजह उन्होंने नहीं बताई। उन्होंने इस पर अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि वह इसकी वजह नहीं जानते, संभवतः यह इंटरनल मामला है। उनका इस तरह का बयान गोलमोल कहा जा रहा है।
गौरतलब है कि बाल कल्याण समिति, कोरबा में हाल ही में रिक्त पड़े सदस्यों के चार पदों पर नियुक्ति की गई, जबकि अध्यक्ष का कार्यकाल अभी बाकी था। इसी दौरान एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया। इस तरह अध्यक्ष की बर्खास्तगी के बाद अब समिति में तीन सदस्य ही रह गए हैं।