0 हाथियों से निपटने कोई ठोस व सफल कार्ययोजना नहीं
कोरबा, कोरबी-चोटिया(खटपट न्यूज़)। जिले के सबसे बड़े विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा में हाथियों का तांडव लगातार जारी है। कभी ग्रामीणों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है तो कभी हाथियों के द्वारा अपने खून-पसीने से बनाया आशियाने को तबाह होते देख रहे हैं लेकिन वन विभाग के उच्च आला अफसर इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। केवल मुआवजों का मरहम लगाकर वन विभाग अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहा है । अब त्रस्त हो चुके ग्रामीण वन विभाग कार्यालय का घेराव करने की बात कर रहे हैं।
पिछले 4 वर्षों से विकास खंड पोड़ी उपरोड़ा में हाथियों के द्वारा कभी ग्रामीणों को जान से मार दिया जा रहा है तो कभी खून पसीने से सिंचित की गई उनकी मेहनत की कमाई फसल को पैरों तले रौद दिया जा रहा है, तो कभी खून पसीने से बुनाई गई ग्रामीणों के द्वारा आशियाने को ढहा रहे हैं लेकिन वन विभाग के कुंभकर्णी नींद में सो रहे अधिकारी एवं कर्मचारियों को लगता है इससे कोई लेना देना नहीं है। हाथियों को डेरा जमाए साल बीत गए एवं दर्जनों ग्रामीण की हाथियों के हमले से जनहानि हो चुकी है, लेकिन अब तक वन विभाग हाथियों को खदेड़ने में नाकाम साबित होते नजर आ रहा है। जिला प्रशासन भी इस संबंध में किसी प्रकार के ठोस कदम उठाने में असफल दिखाई दे रही है।
केवल वन विभाग के द्वारा हाथी किस क्षेत्र में हैं, इसकी निगरानी की जा रही है वही हाथियों के द्वारा लगातार कहर बरपाया जा रहा है। वर्तमान में पसान रेंज के तनेरा जल्के सर्किल परिक्षेत्र के हरदेवा, बनिया,गाडागोडा सेमरहा, सहित ऐसे दर्जनों पहुंच विहीन बिहड़ वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का तांडव लगातार जारी है वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों के घर से लेकर उनके खेतों तक में बर्बादी का नजारा देखने को मिल रहा है।
आपको बता दें कि ग्राम पंचायत बर्रा, के रायसिंह पिता बृजलाल, एवं समय लाल पिता बृजलाल के घर में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया परिणाम स्वरूप इन गरीबों का आशियाना ही उजड़ गया। वन विभाग हाथियों को खदेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है लेकिन हिंसक हाथी अन्यत्र क्षेत्र में जाने टस से मस नहीं हो रहे हैं। अब तो यदि कोई व्यक्ति मरता है तो शासन उसे मुआवजे की 25000 रुपए तत्कालीन सहायता राशि तो दे रही है, शायद इसी सोच के साथ वन विभाग कार्य कर रहा है।
ग्रामीणों नेे हाथियों के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया ही साथ ही साथ वन विभाग के मुखिया डीएफओ शमा फारुकी के कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया गया है। प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने हमारे संवाददाता को बताया कि वन विभाग के द्वारा स्टॉप डेम निर्माण जैसे अनेकों कार्य में भारी लापरवाही देखने को मिलती है। अधिकारी वर्ग के लोग खानापूर्ति करके जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज देते हैं मगर धरातल पर स्थिति दूसरी ही होती है!
0वन विभाग की कार्यशैली नहीं बदली तो ग्रामीण करेंगेघेराव
इस संबंध में जानकारी देते हुए हाथियों के आतंक से ग्रसित विजय पावले ने बताया कि यदि हमारी समस्या का हल नहीं होता है तो हम लोग 6 जनवरी को वन विभाग कटघोरा डिवीजन एवं पसान सर्किल कार्यालय का घेराव कर सकते हैं । हम लोगों के द्वारा पूरे बरसात भर की मेहनत की कमाई पूरे जी-जान लगाकर अपने बाल बच्चों का भरण पोषण के लिए अनाज पैदा किया जाता है और दूसरी ओर हाथी पूरी तरह रौंद कर चले जाते हैं। इन सबके बाद भी वन विभाग की तरफ से किसी को मुआवजा देने की बजाय कागज में खानापूर्ति करते दिख रहे हैं। जिसका आशियाना टूटता है, उसका क्या हाल होता यह तो गरीब आदमी ही जान सकता है।