स्वास्थ्य संयोजक और वनकर्मी हड़ताल पर, बढ़ सकती है परेशानी


रायपुर/कोरबा(खटपट न्यूज़) । छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य केंद्रों और वन्य क्षेत्रो में आज से व्यवस्थाएं बिगड़ सकती हैं।
अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के करीब 15 हजार स्वास्थ्य संयोजक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं जिसके चलते स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य संयोजकों की मांग है कि उन्हें कोरोना भत्ता दिया जाए, इसके अलावा वेतन विसंगति दूर करने समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इंसेंटिव में बढ़ोतरी और डाटा एंट्री के लिए अलग से प्रोत्साहन राशि देने की भी मांग कर रहे हैं।
स्वास्थ्य संयोजक के अलावा वनकर्मी भी आज से हड़ताल पर रहेंगे। प्रदेश के लगभग 10 हज़ार वनकर्मी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जानकारी के अनुसर PCCF से बातचीत में निष्कर्ष नहीं निकलने के बाद आज से हड़ताल कर रहे हैं।
छग वन कर्मचारी संघ जिला शाखा कोरबा के अध्यक्ष प्रीतम कुमार पुराईन ने बताया कि पूर्व में वन कर्मचारी संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 16 मार्च को 12 सूत्रीय मांगों के संबंध में चर्चा हुई थी। वर्तमान में वन विभाग में विभागीय वानिकी कार्य प्रगति पर है एवं विभाग को दावाग्नि, अवैध कटाई, अवैध उत्खनन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वन्य प्राणियों की सुरक्षा चुनौतीपूर्ण है। करतला वन परिक्षेत्र के मड़वारानी क्षेत्र में वन्यप्राणियों को समुचित पेयजल व्यवस्था नहीं होने पर चीतल, हिरण जैसे बेजुबान वन्य प्राणी पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र की ओर आ रहे हंै जिससे वन्य प्राणियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है। हाथियों के दल द्वारा आबादी क्षेत्रों में विचरण कर फसल व जन हानि किया जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए छग सरकार की मनमानी के चलते वन कर्मचारियों को अपनी मूलभूत मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने हेतु विवश होना पड़ रहा है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)

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