सीतामणी रेत घाट में अवैध खनन की छूट, बेधड़क बढ़ा रहा स्टॉक, तस्वीरें बयां करती संरक्षण की कहानी…

0 भंडारण में रेत खत्म, जेसीबी और पोकलेन भी लगाया घाट में
0 खनिज विभाग, पुलिस और चंद जनप्रतिनिधियों का खुला समर्थन
0 वेतन सरकार का, निष्ठा ठेकेदार के प्रति निभा रहे
कोरबा (खटपट न्यूज)। कोरबा जिले में रेत के अवैध कारोबार को खुला संरक्षण कुछ इस तरह चल रहा है कि शहर से लगे घाट में शाम से सुबह का उजाला होने के बीच दर्जनों ट्रैक्टर रेत बारिश के मौसम में खनन पर प्रतिबंध होने के बावजूद खोदी जा रही है। 3 अगस्त 2021 को लगभग खत्म हो चुके भंडारण क्षेत्र की रेत का स्टाक ठेकेदार द्वारा बड़ी तेजी से बढ़ाया जा रहा है। यह कवायद 4 अगस्त से शुरू है जो थमी बारिश का फायदा उठाकर पिछले दिनों से जेसीबी और पोकलेन से रेत खोदना शुरू किया गया। 15 अगस्त 2021 की ताजी तस्वीर में इसे साफ तौर पर देखा जा सकता है।

3 आगस्त को खत्म भंडार

आखिर प्रतिबंध अवधि में नदी घाट के आसपास जेसीबी और पोकलेन की मौजूदगी क्या साबित करती है? सांठ-गांठ का परिणाम है कि ठेकेदार यहां से हर दिन 40 से 50 ट्रैक्टर और मौसम साफ रहने पर इससे अधिक मात्रा में रेत नदी से खनन करवा कर भंडारण क्षेत्र के आसपास अलग-अलग ढेर में रखवा रहा है। भला घाट के अंदर जाकर कौन स्थानीय नागरिक इतने बड़े पैमाने पर रेत निकलवाने की जहमत उठाएगा। जब प्रशासन, खनिज विभाग, खाकी और खादी का समन्वय इस ठेकेदार के लिए स्थापित कर लिया गया हो तो ऐसे में आंख से देखकर भी मक्खी निगलना कोई बड़ी बात नहीं। बताया तो यह भी जाता है कि इस ठेकेदार के द्वारा अपने खास लोगों के ठिकानों पर भी रेत का भंंडारण कराया जाकर उसे बिना रायल्टी पर्ची के ही 1500 से 2000 रुपए प्रति टै्रक्टर में बेचा जा रहा है। जिनके ऊपर सरकारी संपत्ति को संरक्षित और सुरक्षित रखने की जवाबदेही हो, जिनका जिम्मा कानून के उल्लंघन पर कार्यवाही करने का हो और अवैध रेत के मामले में उनका सूचना और खुफिया तंत्र जानबूझकर अनजान बना हो तो अंजाम सहज ही समझा जा सकता है। बात-बात पर मुद्दों को उछालने वालों की खामोशी भी रहस्यमय है जबकि यह सब कहीं दूर नहीं बल्कि शहर व जिला मुख्यालय में रहा है।

अलग भंडारित रेत

0 विभाग नोटिस में, खुफिया तंत्र मजे में और राजस्व अमला मेहरबान
अनेक शिकायतों और संज्ञान में लाए जाने के बाद भी मूकदर्शक व जागती आंखों से देखकर भी अनदेखा कर रहे खनिज विभाग को इस ओर झांकने की फुर्सत नहीं। नोटिस-नोटिस खेलकर अपने शीर्ष अधिकारियों को गुमराह कर रहे अधीनस्थ खनिज अधिकारियों व मैदानी कर्मियों के द्वारा न सिर्फ सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाने में भूमिका निभाई जा रही है बल्कि सरकार ने जिस काम के लिए इन्हें नियुक्त किया है, उससे भी धोखाधड़ी कर रहे हैं। छूट का आलम यह है कि जहां अवैध रूप से रेत का परिवहन करते पकड़े जाने पर ट्रैक्टर व रेत को जप्त करने की कार्यवाही नाम मात्र के लिए कुछ थाना क्षेत्रों में की जाती है तो वहीं कोतवाली क्षेत्र में इस तरह की कार्यवाही उक्त ठेकेदार के द्वारा ठेका प्राप्त करने के बाद से शून्य है। पुलिस के शीर्ष अधिकारियों का संरक्षण भी जहां इस ठेकेदार को मिला है वहीं चंद जनप्रतिनिधि भी सुर में ताल मिला रहे हैं। वरना ऐसी कौन सी वजह है कि पहले तो इस ठेकेदार को नदी क्षेत्र में ही रेत भंडारण की नियम विरुद्ध अनुमति दी गई। तहसीलदार और पटवारी ने नियम जानते हुए भी लाभ पहुंचाने सीमांकन किया और अनुमति दिलाने में सहयोग किया फिर अब भंडारण से रेत खत्म हो जाने के बाद उसे बेधड़क बढ़ाने की विशेष छूट दे दी गई है। सीतामणी घाट जो कि बरसात के मौसम में प्रतिबंध होने के कारण सील नहीं किया गया है और यहां ट्रैक्टर दिन-रात लगे ही रहते हैं।

गोल घेरे में 3 अगस्त का शेष स्टॉक, चौकोर घेरे में अवैध खनन से बढ़ा स्टॉक

0 उड़नदस्ता गायब, यातायात के जवान देखते हैं रायल्टी पर्ची
कोरबा शहर में यह बड़ा ही गजब है कि यहां सीतामढ़ी घाट से रेत लेकर निकलने वाले ट्रैक्टर संजय नगर नहर मार्ग से होकर सुनालिया चौक होते हुए गंतव्य की ओर बढ़ते हैं। इनके रायल्टी पर्ची की जांच तो होती नहीं लेकिन सुनालिया चौक पर यातायात के कुछ जवान जरूर ट्रैक्टर को रोकते हैं और उतरने वाला चुपके से कुछ देकर निकल जाता है। अब यातायात के जवान रायल्टी पर्ची देखेंगे भी तो इसके फर्जीवाड़ा के बारे में क्या जानेंगे जिसका उन्हें कोई प्रशिक्षण भी नहीं दिया जाता। नायब तहसीलदार, तहसीलदार, खनिज विभाग का अमला, खनिज इंस्पेक्टर अथवा खनिजों का अवैध दोहन व परिवहन की धरपकड़ के लिए गठित उड़नदस्ता का दल (टास्क फोर्स) कहीं भी नजर नहीं आते।

टास्क फोर्स का गठन इस तरह के कार्यों की रोकथाम के लिए किया गया है लेकिन इसकी भी उपयोगिता फिलहाल जिले भर में शून्य है। प्रारंभिक तौर पर इस अवैध दोहन के लिए खनिज विभाग के अधिकारी और अमला जिम्मेदार हैं, जिन पर निलंबन के साथ-साथ वैधानिक कार्यवाही और संबंधित ठेकेदार द्वारा प्रतिबंधित अवधि में खोदी गई रेत, खनन में प्रयुक्त संसाधनों को जब्त कर ठेका निरस्त करने और ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई होनी चाहिए। खनिज का अवैध दोहन कर एक तरह से चोरी का भी मामला पंजीबद्ध करना चाहिए। बता दें कि इस ठेकेदार को सेनोस्फीयर का भी काम मिला हुआ है, जिसमें भी गड़बड़झाला न हो रहा हो, यह संभव नहीं। सांठ-गांठ की बदौलत करोड़ों का काम लेने की फिराक में भी यह ठेकेदार लगा हुआ है। हजारों-लाखों रुपए कमीशन के फेर में अपने पद और कर्तव्य की अवहेलना चंद अधिकारी कर रहे हैं जिसका पूरा लाभ यह ठेकेदार उठा रहा है।

15 अगस्त को सुबह घाट का नजारा


00 सत्या पाल 00 (7999281136)

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