जांजगीर। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेने पहुंची स्वास्थ्य विभाग के अमले पर संक्रमितों व ग्रामीणों ने धावा बोल दिया। जानकारी के अनुसार कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने पर जब स्वास्थ्य विभाग का अमला उन्हें लेने सेमरिया पहुंचा, तो गांव की महिलाओं ने टीम को घेर लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने संक्रमितों का इलाज गांव में ही कराने के लिए अड़ गए। टीम ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने उसे भी छूकर संक्रमित करने की बात कहते हुए टीम के करीब जाने लगे। फिर क्या था डॉक्टरों की टीम खुद को बचाने वहां से भाग निकले। अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी वहां पहुंचे। गांव का माहौल ऐसा था कि कोई गांव के अंदर प्रवेश नहीं कर रहा था। आखिर में पुलिस फोर्स गांव में पहुंची। इसके बाद संक्रमित 13 लोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम रात करीब 8 बजे गांव से रवाना हुई। इस दौरान करीब चार-पांच घंटे अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सेमरिया में 33 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें लेने के लिए सुबह दो एम्बुलेंस पहुंची और 20 लोगों को जांजगीर पहुंचाया गया। इसके बाद फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्बुलेंस लेकर 13 मरीजों को लेने पहुंची। सूत्रों के अनुसार मरीज तो तैयार थे, लेकिन गांव की महिलाओं व अन्य लोगों ने उन्हें भड़का दिया और उनका इलाज गांव में ही कराने की मांग करने लगे। धीरे-धीरे माहौल गरमा गया। ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद संक्रमित भी ग्रामीणों के साथ हो गए और स्वास्थ्य विभाग की टीम को ही संक्रमित करने के लिए उसे छूने के लिए दौड़ाने लगे। जानकारी मिलते ही बीएमओ डॉ. सौरभ यादव भी गांव पहुंचे, उन्हें भी महिलाओं ने घेर लिया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बताया जा रहा कि पथराव भी हुआ लेकिन अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं। एसडीएम अनुपम तिवारी, पामगढ़ थाना प्रभारी, मुलमुला थाना प्रभारी, तहसीलदार आदि भी पहुंचे। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को गांव पहुंचने से भी रोक दिया गया था। रात 7 बजे के बाद पुलिस फोर्स पहुंची तो ग्रामीण बैक फुट पर आए और रात 8 बजे के बाद संक्रमितों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में रवाना हुई।