कोरबा (खटपट न्यूज)। कोरबा जिले में राजस्व संबंधी मामलों में गड़बड़ियां उजागर होने और अपराधों के पंजीबद्ध होने के बाद भी व्यवस्था में कुछ खास सुधार होता नहीं दिख रहा। एक घटना से सबक लेकर पूरी व्यवस्था को दुरूस्त करने की कोशिश भी यहां नहीं दिखती जिसके कारण गड़बड़ी करने वालों के मनोबल बढ़ते हैं। अनेक पटवारी दफ्तर निजी ऑपरेटरों के हवाले चल रहे हैं और दफ्तर के सरकारी दस्तावेज से लेकर रिकार्डों की देखभाल भी इनके जिम्मे सौंप दी जाती है। शहर से लेकर गांव के कई पटवारी दफ्तरों में यह नजारा आम है। कोरबा शहर का पुराना बस स्टैण्ड स्थित पटवारी दफ्तर भी इससे अछूता नहीं है जहां पटवारी के न रहने/प्रशासन द्वारा आयोजित शिविर में चले जाने के बाद भी देर शाम तक न जाने कौन सा विभागीय काम ऑपरेटर के द्वारा निपटाया जाता है? मंगलवार को वर्तमान पटवारी शिविर में थे जबकि पटवारी दफ्तर शाम 6 बजे के बाद भी खुला नजर आया। इस संबंध में पटवारी बजरंग पुलस्त के मोबाइल नंबर 94060-38098, 98266-86130, 70003-26342 पर संपर्क किया गया लेकिन घंटी बजने के बाद भी कोई भी नंबर नहीं उठा।
यह भी उल्लेखनीय है कि पटवारी दफ्तरों में भले ही जरूरतमंदों का काम न हो या लेट-लतीफ कर दें लेकिन जमीन दलालों के काम बिना रुके होते हैं। पटवारी दफ्तरों में ऐसे वर्ग के लोग कुछ ज्यादा ही चहल-कदमी करते नजर आते हैं।। 0 गड़बड़ियों से बढ़ते राजस्व मामले बता दें कि अनेक पटवारी जहां सही नाप-जोख नहीं करने, जमीनों को इधर से उधर दर्ज करने, गलत नक्शा बनाने की बदनामी का दंश झेल रहे हैं, वहीं इनके अधिनस्थ निजी तौर पर रखे गए कम्प्यूटर ऑपरेटर अथवा सहयोगी निजी कर्मचारियों के द्वारा भरोसे का फायदा उठाकर भुईयां आईडी का गोपनीय पासवर्ड जो कि सिर्फ पटवारी के पास ही रहता है, उसे प्राप्त कर जमीनों से छेड़छाड़ को अंजाम देने से नहीं चूकते। इसमें कोई संदेह नहीं कि राजस्व रिाकार्डों में छेड़छाड़ और सही काम नहीं करने की वजह से ही लोगों के जमीन और राजस्व संबंधी मामले बढ़ते हैं।
0 दर्ज हो चुके हैं कई मामले
कोरबा जिले के दुरस्थ वनांचल ग्राम श्यांग थाना अंतर्गत पटवारी की भुईया आईडी का पासवर्ड हासिल कर रिकार्डों में छेड़छाड़ करते हुए शासकीय घास मद की भूमि को निजी बताकर बेचने का भी मामला अभी पुलिस विवेचना में है। यहांं भी निजी लोगों की दखल सामने आई जिनका पटवारी दफ्तर में आना-जाना था। कोरबा पटवारी हल्का नंबर 16 में दीपका क्षेत्र की निवासी श्रीमती अरुणिमा सिंह की खसरा नंबर 663/ 3 की जमीन जो पावर हाउस रोड से टीपी नगर के बीच की है, को भी अलग-अलग जगह पर अलग-अलग खसरा व नक्शा के आधार पर बताई जा रही है। इस मामले में अज्ञात आरोपी पर जमीन में हेरफेर करने का मामला दर्ज कर कोतवाली पुलिस जांच कर रही है। कटघोरा थाना क्षेत्र के ग्राम सुतर्रा के एक कृषक परिवार की जमीन को ही पटवारी ने दूसरे के नाम नेशनल हाइवे के मुआवजा में निकाल दिया। आरआई जवाहर लाल मार्को, पटवारी जितेन्द्र पटेल सहित 7 लोगों पर मामला न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ है। यहीं नहीं ग्राम लखनपुर कटघोरा की शकुंतला बाई की शासकीय पट्टे की भूमि को पटवारी बीएस ध्रुव के द्वारा दूसरे के नाम पर चढ़ा दिया गया। इस मामले में भी 3 लोगों पर अपराध दर्ज हुआ है। ग्राम पकरिया और सलिहाभाठा ब्लाक करतला के पटवारी विकास कुमार जायसवाल के द्वारा रिश्वत लेने की जांच हुई लेकिन कार्यवाही लंबित है। ग्राम झाबर दीपका के पटवारी पर भी निदान शिविर में आरोप लगाते हुए वृद्धा महिला ने बाल खींचा और मारपीट की। हाल ही में गड़बड़ी का एक और मामला सामने आया जब राजस्व रिकार्ड में भगवान श्रीराम के नाम पर जमीन दर्ज पाई गई और पता की जगह अयोध्या लिखा था।
0 रिकार्ड हिन्दी में तो अंग्रेजी में कैसे हुई एंट्री
कोरबा तहसीलदार सुरेश कुमार साहू के मुताबिक राजस्व रिकार्ड और एंट्री हिन्दी में की जाती है। यह सही भी है लेकिन यहां पर सवाल तो अब भी कायम है कि जब सारा कामकाज हिन्दी में होता है तो अंग्रेजी में एंट्री आखिर किसने, क्यों और कैसे कर दी? यह भुईयां एप से रिकार्ड देखनेे पर नजर आया जिससे यह तो स्पष्ट है कि पटवारी की आईडी से किसी ने छेड़छाड़ कर रिकार्ड में इस तरह की गड़बड़ी की है।
0 तत्कालीन पटवारी को नोटिस जारी
राजस्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा में एक अयोध्या और भगवान श्रीराम के नाम खसरा नंबर 188/2 खाता क्रमांक 85 की रकबा 0.068 की भूमि दर्ज होने के मामले में तत्कालीन कोरबा हलका पटवारी सीएस सिदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 में इसे बदला गया है लेकिन कैसे और किसने बदला, इसकी जांच की जा रही है। क्या पटवारी की जानकारी में उसकी आईडी का पासवर्ड प्राप्त कर विभागीय अथवा निजी कर्मचारी ने यह बदमाशी की और जमीन को अफरा-तफरी करने के लिए ऐसा किया गया या फिर मजाक-मजाक में इस तरह की गंभीर हरकत की गई?